पश्चिम बंगाल: पुलिस ने बाबुल सुप्रियो को हिंसाग्रस्त इलाके में जाने से रोका

आसनसोल के मेयर ने केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से सांसद सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया है.

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आसनसोल के मेयर ने केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से सांसद सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया है.

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आसनसोल संसद बाबुल सुप्रियो पर पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने का आरोप लगा है (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को पुलिस ने गुरुवार को आसनसोल-रानीगंज इलाके में जाने से रोक दिया. इस क्षेत्र में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा 144  के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई.

पुलिस ने बताया कि बुधवार रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है और स्थिति ‘नियंत्रण’  में है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय में उच्च-स्तरीय बैठक की. मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) ने बैठक में हिस्सा लिया.

सुप्रियो ने एक तक चैनल से बात करते हुए दावा किया कि जब उन्हें रोका गया तब उनकी पुलिस कर्मियों से बहस हुई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करवाई गयी हैं.

मुख्यमंत्री ने आसनसोल-रानीगंज इलाके में हिंसा को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. भारी उद्योग और लोक उपक्रम राज्य मंत्री और आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार को पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश से रोक दिया गया था.

पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया. कुछ लोगों ने मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की.

टीवी चैनलों ने उन्हें पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते हुए दिखाया है, जिन्होंने उनके वाहन को घेर लिया था.

पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया. वे भी रानीगंज जा रही थीं. विरोधस्वरूप वे धरने पर बैठ गयीं.

सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिये इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है.

मंत्री ने कहा, ‘जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं. यह मेरा कर्तव्य है. लेकिन पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इलाके में धारा 144  लागू है. मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता.’

सुप्रियो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी देंगे.

दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं.’ चटर्जी ने यह भी कहा कि सुप्रियो को ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी को धक्का देते हुए भी देखा जा सकता है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसएन गुप्ता ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और हिंसा से जुड़े 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

वहीं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के महापौर जितेंद्र तिवारी ने सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया है.