झारखंड के खूंटी ज़िले के कोचांग गांव का मामला. गांव के मिशन स्कूल में मानव तस्करी के ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक करने गई थीं युवतियां.
खूंटी/नईदिल्ली: झारखंड के आदिवासी बहुल खूंटी जिले में पांच आदिवासी युवतियों के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है. एक ग़ैर सरकारी संस्था से जुड़ी एक टीम मानव तस्करी के ख़िलाफ़ नुक्कड़ नाटक करने खूंटी के एक सुदूर गांव गई थीं. इस बीच टीम की पांच युवतियों का अगवा कर इस घटना को अंजाम दिया गया.
यह घटना 19 जून की है. दक्षिणी छोटानागपुर के डीआईजी एवी होमकर ने बताया है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.
शुक्रवार को दोपहर बाद खूंटी के पुलिस अधीक्षक अश्विनी सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में जानकारी दी है कि कोचांग गांव स्थित मिशन स्कूल के फादर अल्फांसो आइंद समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है.
फादर के अलावा स्कूल के दो शिक्षक मुराय मुंडू तथा रॉबर्ट हासा एवं आशा किरण संस्था की सिस्टर रंजीता और अनीता नाग से पूछताछ की गई है. इन सभी को पीआर बांड पर छोड़ा गया है. इन लोगों ने घटना की जानकारी छुपाई थी.
पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि अपराधियों की सूचना देने वाले के 50 हज़ार रुपये का इनाम दिया जाएगा. पुलिस ने एक आरोपी की तस्वीर भी जारी की है. पुलिस ने पीड़िताओं का न्यायालय में बयान भी दर्ज करा दिया है. सभी पीड़िताओं को पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा है.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक इस मामले में आठ लोगों को पकड़ा गया है. सामूहिक बलात्कार की इस घटना में कम से कम पांच लोगों के शामिल होने की सूचना है.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक पीड़िताओं के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है तथा युवतियों की मेडिकल जांच भी कराई गई है. खूंटी के पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में तफ्तीश के लिए तीन विशेष टीम गठित की गई हैं. ख़ुद डीआईजी भी खूंटी पहुंचे हैं.
पुलिस के मुताबिक खूंटी में कार्यरत एक स्वयंसेवी संस्था आशा किरण की टीम 19 जून को खूंटी ज़िले के अड़की थाना क्षेत्र के कोचांग गांव गई थी.
गौरतलब है कि आशा किरण संस्था में मानव तस्करी से बचाई या छुड़ाई गईं लड़कियों के अलावा पलायन से मजबूर लड़कियों को आश्रय दिया जाता है. इस संस्था की कई युवतियां इन विषयों पर गांवों में जागरूकता के लिहाज़ से कार्यक्रम करती रहती हैं.
इस टीम में 11 लोग थे. यह कोचांग गांव खूंटी ज़िला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर है. कोचांग में इस टीम ने नुक्कड़ नाटक किया. इसके बाद सभी लोग स्थानीय मिशन स्कूल चले गए.
पुलिस ने बताया कि इस दौरान कुछ असामाजिक तत्व मोटरसाइकिल से स्कूल परिसर पहुंचे और बंदूक की नोंक पर पांच आदिवासी युवतियों का अगवा कर अपने साथ जंगल में ले गए और वहीं पर अपराध का अंजाम दिया.
इस बीच शुक्रवार सुबह पुलिस ने कोचांग गांव स्थित मिशन स्कूल के फादर और आशा किरण संस्था की कई सिस्टर से भी पूछताछ की थी. पुलिस ने बताया है कि नुक्कड़ नाटक टीम में शामिल तीन पुरुष सदस्यों के साथ भी मारपीट की गई है. उनसे भी पूछताछ जारी है.
डीआईजी ने यह भी कहा है कि इस घटना में पत्थलगड़ी समर्थकों का भी हाथ हो सकता है. क्योंकि कोचांग गांव में पहले ही पत्थलगड़ी की गई थी. पुलिस उप महानिरीक्षक अमोल वी. होमकर ने भी बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस घटना में पत्थलगढ़ी से जुड़े लोग लिप्त हैं.
मालूम हो कि झारखंड के कई आदिवासी इलाकों में पत्थलगड़ी की मुहिम छिड़ी है. ग्रामसभाओं में आदिवासी गोलबंद हैं और पत्थलगड़ी के माध्यम से स्वशासन यानी ‘अपना शासन, अपनी हुकूमत’ की मांग कर रहे हैं.
पत्थलगड़ी और नक्सली घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहे खूंटी में अचानक बलात्कार की इस खौफनाक घटना ने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने बनाया तीन सदस्यीय जांच दल
राष्ट्रीय महिला आयोग ने सामूहिक बलात्कार की इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है.
महिला आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया तीन सदस्यीय जांच दल बलात्कार के मामले की जांच खूंटी जाकर करेगा.
आयोग ने झारखंड के पुलिस महानिदशेक डीके पांडे से मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं.)