केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे में आयोजित एक बैंक के कार्यक्रम के दौरान कहा कि राजनीति में सफलता का श्रेय लेने सब आ जाते हैं, लेकिन हार की ज़िम्मेदारी कोई लेना नहीं चाहता.
पुणे: हाल में तीन हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि नेतृत्व को हार और विफलताओं की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इशारों में भाजपा नेता ने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता.
गडकरी ने कहा, ‘सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिए लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.’
गड़करी पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कभी बैंक सफलता हासिल करते हैं तो कभी उन्हें विफलता भी हासिल करनी पड़ेगी. बैंकों को दोनों परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. राजनीति में जब असफलता होती है तो कमेटी बैठती है लेकिन सफलता की स्थिति में कोई आपसे कुछ भी पूछने नहीं आता.
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस ने बीजेपी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता से बाहर कर दिया है.
गडकरी ने कहा कि नेतृत्व में हार की जिम्मेदारी लेने की प्रवृत्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘संगठन के प्रति नेतृत्व की वफादारी तब तक साबित नहीं होगी, जब तक वह हार की जिम्मेदारी नहीं लेता.’
बीजेपी नेता ने कहा कि राजनीति में किसी राज्य या लोकसभा चुनावों में हार के बाद हारा हुआ कैंडिडेट घबराने लगता है और शिकायत करने लगता है कि उसे पर्याप्त समर्थन नहीं मिला.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक नेता तभी हारता है जब या तो उसकी पार्टी कहीं चूक कर रही होती है या वह खुद लोगों का भरोसा जीतने में असफल होता है. हारे हुए प्रत्याशी को मेरी यही सलाह है है कि इसके लिए दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए.
सोशल मीडिया पर ये बयान वायरल होने के बाद गडकरी ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी है. नितिन गडकरी ने अपने बयान को गलत तरीके से पेश करने को लेकर विपक्ष और मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे और भाजपा नेतृत्व के बीच दूरी बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ये कोशिश कभी सफल नहीं होगी.
I have time and again strongly refuted such insinuations and once again condemn all these malafide and mischievous out of context reports attributed to me.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 23, 2018
उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से मैंने नोटिस किया है कि कुछ विपक्षी दल और मीडिया का एक वर्ग मेरे द्वारा दिए गए बयानों को मोड़कर उसे संदर्भ से बाहर पेश करते हैं और मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करते हैं.’