मंदिर से जुड़ी भड़काऊ बयानबाज़ी पर प्रतिक्रिया न दें मुसलमान: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी

उत्तर प्रदेश बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक ज़फरयाब जिलानी ने बताया कि वे अदालती कार्यवाही से संतुष्ट हैं, लेकिन अगर मोदी सरकार मंदिर बनाने पर कोई अध्यादेश या क़ानून लाती है, तो उसे चुनौती दी जाएगी.

अयोध्या विवाद न दो धर्मों का है और न मंदिर-मस्जिद का

फैज़ाबाद से निकलने वाले हिन्दी दैनिक जनमोर्चा के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह की किताब ‘अयोध्या- रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद का सच’ बताती है कि अयोध्या विवाद में सारी पेचीदगियां राजनीति द्वारा अपनी स्वार्थ साधना के लिए इस मुद्दे के बेजा इस्तेमाल से पैदा हुई हैं.

बिहार: स्कूल में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव, सरकार ने दिए जांच के आदेश

वैशाली जिले के एक सरकारी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में बांटकर पढ़ाने का मामला सामने आया है. यहां पर अटेंडेंस रजिस्टर भी धर्म और जाति के आधार पर बनाया गया है.

चौरासी के दंगों पर दिल्ली हाईकोर्ट का फ़ैसला महान भारत के नागरिकों की निर्ममता के ख़िलाफ़ आया है

2002 की बात को कमज़ोर करने के लिए 1984 की बात का ज़िक्र होता है, अब 1984 की बात चली है तो अदालत ने 2013 तक के मुज़फ़्फ़रनगर के दंगों तक का ज़िक्र कर दिया है.

जामा मस्जिद तोड़ो, मूर्तियां न मिलें तो मुझे फांसी पर लटका देना: भाजपा सांसद साक्षी महाराज

उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने दिल्ली की जामा मस्जिद तोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि मस्जिद को ध्वस्त कर देना चाहिए क्योंकि यह एक हिंदू मंदिर के स्थान पर बनाई गई है.

क्या इस देश में अब बहस सिर्फ़ अच्छे हिंदू और बुरे हिंदू के बीच रह गई है?

कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता का नाम लेना छोड़ दिया है. वह विचार जो उस पार्टी का विशेष योगदान था, भारत को ही नहीं, पूरी दुनिया को, उसमें उसे इतना विश्वास नहीं रह गया है कि चुनाव के वक़्त उसका उच्चारण भी किया जा सके.

उत्तर प्रदेश: 200 लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज होने के बाद गांव छोड़कर भागे मुस्लिम

बहराइच के खैरा बाजार में दुर्गा पूजा विसर्जन के समय हुए तनाव के मामले में पुलिस ने अब तक 50 लोगों को गिरफ़्तार किया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यूएपीए लगाना ग़लत था, इसे अब एफआईआर से हटा दिया जाएगा.

राम मंदिर पर निर्णय देते हुए हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखे सुप्रीम कोर्ट: संघ

महाराष्ट्र के उत्तन में संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर आरएसएस राम मंदिर के लिए आंदोलन शुरू करने में भी नहीं हिचकेगा, लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन होने की वजह से कुछ सीमाएं हैं.

अगर मेरी किताबों में कोई तत्व नहीं है, तो इन्हें सालों से क्यों पढ़ाया जा रहा था: कांचा इलैया

दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एमए के पाठ्यक्रम से दलित लेखक और चिंतक कांचा इलैया शेपहर्ड की किताब हटाने के प्रस्ताव पर उनका कहना है कि विश्वविद्यालय अलग-अलग विचारों को पढ़ाने, उन पर चर्चा करने के लिए होते हैं, वहां सौ तरह के विचारों पर बात होनी चाहिए. विश्वविद्यालय कोई धार्मिक संस्थान नहीं हैं, जहां एक ही तरह के धार्मिक विचार पढ़ाए जाएं.

आतंक का ‘सनातन’ चेहरा

सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समिति जैसे ‘आध्यात्मिक’ कहे जाने वाले संगठनों से कथित तौर पर संबद्ध कई लोगों की गिरफ़्तारी इनकी अतिवादी गतिवधियों की ओर इशारा करती है. बीते दिनों सामने आया एक स्टिंग ऑपरेशन बताता है कि अपनी संगठित हिंसक गतिविधियों के बावजूद इन संगठनों को मिले राजनीतिक संरक्षण के चलते उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई से हमेशा बचा गया.

​जन गण मन की बात, एपिसोड 316: दिल्ली के स्कूल में हिंदू-मुस्लिम भेदभाव और जीडी अग्रवाल

जन गण मन की बात की 316वीं कड़ी में विनोद दुआ दिल्ली के एक स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग बैठाने और पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल के निधन पर चर्चा कर रहे हैं.

हिंदू-मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग बैठाने के मामले में शिक्षक निलंबित, जांच के आदेश

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एक स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में बांटकर पढ़ाने का मामला सामने आया था. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी मामले में रिपोर्ट तलब की है.

स्कूलों की कक्षा भी बंट जाए हिंदू-मुसलमान में तो क्या बचेगा हिंदुस्तान में

राजनीति हमें लगातार बांट रही है. वह धर्म के नाम एकजुटता का हुंकार भरती है मगर उसका मक़सद वोट जुटाना होता है. एक किस्म की असुरक्षा पैदा करने के लिए यह सब किया जा रहा है. आप धर्म के नाम पर जब एकजुट होते हैं तो आप ख़ुद को संविधान से मिले अधिकारों से अलग करते हैं.

‘गांधी की मृत्यु’ को गांधी के जन्म के उत्सवों के बीच पढ़ा जाना चाहिए

नेमेथ लास्लो की अचूक नैतिकता गांधी के संदेश के मर्म को पकड़ लेती है, 'सत्याग्रह-सत्य में निष्ठा-का अर्थ है राजनीति का संचालन स्वार्थ या हित साधन से नहीं, बल्कि सत्य से प्रेम के द्वारा हो.'

गुजरात दंगे में सेना को राज्य सरकार से समय पर नहीं मिली थीं ज़रूरी सुविधाएं: पूर्व सेना अधिकारी

सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीरुद्दीन शाह ने बताया कि गुजरात दंगों के समय स्थिति संभालने पहुंचे सेना के दल को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध के बावजूद प्रशासन द्वारा समय पर ज़रूरी सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई थीं. अगर सेना को सही समय पर गाड़ियां मिल गई होतीं, तो नुकसान बेहद कम होता.

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