हमें राजनीतिक आज़ादी तो मिल गई, लेकिन सामाजिक और आर्थिक आज़ादी कब मिलेगी?

आज़ादी के 71 साल: सरकार यह महसूस नहीं करती है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा पर किया गया सरकारी ख़र्च वास्तव में बट्टे-खाते का ख़र्च नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य के लिए किया गया निवेश है.

टीपू न तो स्वतंत्रता सेनानी थे और न ही तानाशाह: इतिहासकार

भाजपा-कांग्रेस की सियासी बयानबाज़ी के बीच हाल ही में राष्ट्रपति ने भी कहा, टीपू सुल्तान अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ जंग लड़ते हुए शहीद हुए थे.