रफाल का इंजन बनाने वाली कंपनी ने राजनाथ से कहा, कर नियमों से हमें आतंकित न किया जाए

भारतीय वायुसेना ने फ्रांस से खरीदे गये 36 रफाल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला का पहला विमान फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम शहर बरदो के मेरिनियाक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में प्राप्त किया.

वायुसेना 44 साल पुराने मिग-21 उड़ा रही है, इतने साल तो कोई कार नहीं चलाता: वायुसेना प्रमुख

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने सेना में नये लड़ाकू विमानों की कमी को लेकर कहा कि मिग-21 विमान चार दशक से ज्यादा पुराना हो गया है, लेकिन अब भी इस्तेमाल हो रहा है. दुनिया में शायद ही कोई देश इतना पुराना लड़ाकू विमान उड़ाता है.

रफाल: केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों पर पहले फ़ैसला करेगा सुप्रीम कोर्ट

गुरुवार को सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सौदे संबंधी दस्तावेज़ों पर विशेषाधिकार का दावा करते हुए कहा कि संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई इन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकता, जिस पर याचिकाकर्ता और वकील प्रशांत भूषण ने सरकार की आपत्तियों को दुर्भावनापूर्ण बताया.

मीडिया में डर का माहौल बना हुआ है: एन. राम

द वायर से बात करते हुए द हिंदू के चेयरमैन और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने रफाल सौदे और इसकी मीडिया कवरेज़ को लेकर मोदी सरकार की हालिया धमकियों पर अपनी राय साझा की.

वायुसेना मरने वालों की गिनती नहीं करती, केवल लक्ष्य पर निशाना लगाती है: वायुसेना प्रमुख

वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि बालाकोट आतंकी शिविर पर भारत द्वारा किए गए हवाई हमले में हताहत लोगों की संख्या की जानकारी केंद्र सरकार देगी.

मीडिया बोल, एपिसोड 85: रफाल पर सवाल और मायावती बनाम मीडिया

मीडिया बोल की 85वीं कड़ी में उर्मिलेश रफाल विवाद और मायावती बनाम मीडिया पर कॉमन कॉज़ के निदेशक विपुल मुद्गल, पत्रकार स्मिता गुप्ता और अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रहे हैं.

‘प्रधानमंत्री बताएं कि रफाल सौदे का मक़सद वायुसेना को मज़बूत करना था या एक उद्योगपति को’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि भाजपा के शासनकाल में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की परिभाषाएं बदल दी गई हैं. जो रफाल सौदे का गुणगान कर रहे हैं वे देशभक्त माने जा रहे हैं, जो सवाल उठा रहे हैं उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है.

रफाल सौदे में क्या प्रधानमंत्री मोदी अनिल अंबानी के लिए चुपचाप काम कर रहे थे?

रफाल सौदे पर बातचीत के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक टीम गठित की, उसी तरह फ्रांस की तरफ से भी एक टीम बनी. दोनों के बीच लंबे समय तक बातचीत और मोलभाव हुआ. इस बीच भारतीय टीम को पता चला कि इस बातचीत में उनकी जानकारी के बिना पीएमओ भी शामिल है और अपने स्तर पर शर्तों को बदल रहा है. लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह बात छिपाई. क्या ये सरकार सुप्रीम कोर्ट से भी झूठ बोलती है?

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की क़ीमत को जोड़ें, तो यूपीए का रफाल सौदा एनडीए से कहीं सस्ता पड़ता

रफाल सौदे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से क़ीमत में आए अंतर, भारत के लिए विशेष रूप से किए जाने वाले बदलावों और यूरोफाइटर के प्रस्ताव से जुड़े सवाल अब भी बाक़ी हैं.

सिर्फ़ 36 रफाल ख़रीदकर सरकार ने किया राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता, जेपीसी जांच ज़रूरी: चिदंबरम

रफाल मामले में हालिया खुलासे के बाद पी चिदंबरम ने कहा, इस मामले की गहन जांच जेपीसी से होनी चाहिए. हम जेपीसी जांच की मांग दोहराते हैं.

नरेंद्र मोदी ने 36 रफाल विमानों का सौदा 41 प्रतिशत अधिक कीमत पर किया

साल 2007 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने रफाल की कीमत 643.26 करोड़ रुपये प्रति विमान तय की थी. साल 2015 में नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए सौदे के बाद यह राशि बढ़कर 1037.21 करोड़ रुपये प्रति विमान हो गई. पिछली सरकार में 126 विमानों का सौदा किया गया था वहीं मोदी सरकार ने इसे घटाकर 36 विमान कर दिया.

मोदी सरकार की नौ फीसदी सस्ते दर पर रफाल खरीदने की बात असल में झांसा है

2007 में 126 विमानों को भारत के हिसाब से तैयार करने के लिए अलग से 1.4 बिलियन यूरो देने थे. 2016 में 36 विमानों को तैयार करने लिए 1.3 बिलियन यूरो दिए जाने का फ़ैसला होता है. आप गणित में फेल भी होंगे तब भी इस अंतर को समझ सकते हैं कि खेल कहां हुआ है.