हर्ष मंदर से जुड़े आश्रय गृहों पर एनसीपीसीआर के आरोप दिल्ली बाल अधिकार आयोग द्वारा ख़ारिज

इस साल जनवरी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से जुड़े बच्चों के दो आश्रय गृहों को लेकर बुनियादी ढांचे, वित्त पोषण और संचालन लाइसेंस में अनियमितताओं की सूचना दी थी. साथ ही यहां यौन शोषण की संभावना को भी व्यक्त किया था. दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे मामले में दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बताया है कि एनसीपीसीआर के आरोपों में सबूतों और योग्यता की कमी है.

दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के दो एनजीओ के ख़िलाफ़ केस दर्ज

राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग की शिकायत पर ‘उम्मीद अमन घर’ और ‘खुशी रेनबॉ होम’ इन एनजीओ में कथित नियमों के उल्लंघनों के लिए मामला दर्ज किया है. ये एनजीओ पूर्व आईएएस अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर द्वारा संचालित हैं.

ब्रांडेड शहद में मिलावट: खाद्य नियामक को उचित कार्रवाई करने का निर्देश

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने 13 शीर्ष ब्रांड के साथ-साथ कई छोटे ब्रांड के प्रसंस्कृत और कच्चे शहद में शुद्धता की जांच की थी. इसके अध्ययन में कहा गया था कि डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपिस हिमालय जैसे प्रमुख ब्रांड के शहद के नमूने परीक्षण में विफल रहे.

भारत में बिकने वाले बड़े ब्रांड के शहद में चीनी की मिलावट: सीएसई अध्ययन का दावा

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के अध्ययन में कहा गया है कि डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपिस हिमालय जैसे प्रमुख ब्रांड के शहद के नमूने परीक्षण में विफल रहे. वहीं इन कंपनियों की ओर से कहा गया है कि यह प्रसंस्कृत/कृत्रिम शहद को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्राकृतिक शहद निर्माताओं को बदनाम करने की साज़िश है.

लू की वजह से दिल्ली में ओज़ोन का स्तर बढ़ा, सेहत को गंभीर ख़तरा: रिपोर्ट

ओज़ोन एक घातक गैस है. यहां तक कि थोड़े समय के लिए भी इसके संपर्क में आने पर श्वांस की स्थिति और अस्थमा पीड़ितों की स्थिति काफी ख़राब हो सकती है.

नोटबंदी के बाद से देश में 50 लाख लोगों की नौकरियां गईंः रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी खोने वाले इन 50 लाख लोगों में शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम शिक्षित पुरुषों की संख्या अधिक है. पुरूषों की तुलना में महिला इससे अधिक प्रभावित हैं.

खनन से विस्थापित लोगों के कल्याण के लिए काम करने में ज़िला खनिज फाउंडेशन विफल: सीएसई

सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि देश के 20 ज़िला खनिज फाउंडेशन ट्रस्टों ने 18,467 करोड़ रुपये का फंड इकट्ठा किया लेकिन किसी ने भी एक भी लाभार्थी की पहचान नहीं की है.

केंद्र द्वारा स्वच्छ शहर चुने जाने की प्रक्रिया ग़लत: सीएसई

पर्यावरण पर काम कर रहे इस संगठन के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष पर आए शहरों ने कचरा प्रबंधन के जिन तरीकों को अपनाया है, वे पर्यावरण के अनुकूल नहीं है.