केंद्र पहले बताए कि 2000 रुपये के नोट क्यों लाए गए थे: दिग्विजय सिंह

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बीते 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. बैंक ने जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया है कि या तो नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करें या उन्हें बैंकों में बदल दें.

2,000 रुपये के नोट वापस लेने पर कांग्रेस ने श्वेत-पत्र लाने की मांग की

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 31 मार्च 2023 तक कुल 181 करोड़ 2,000 रुपये के नोट चलन में थे, जो 3.62 लाख करोड़ रुपये होते हैं. इसका अधिकांश हिस्सा काला धन रखने वालों के पास है. बिना आईडी या फॉर्म के नोट बदलने का कहकर मोदी सरकार द्वारा काला धन रखने वालों का शाही स्वागत किया जा रहा है.

पीएम के पूर्व सचिव बोले- मोदी 2,000 का नोट लाने के ख़िलाफ़ थे, विपक्ष ने ‘डैमेज कंट्रोल’ बताया

भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा को काले धन और जमाखोरी पर प्रहार बताने के भाजपा नेताओं के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बैंक में बिना आईडी प्रूफ के उक्त नोट बदले जाने पर जो भी 'काले धन' की जमाखोरी कर रहा है, वह रडार पर आए बिना उन्हें बदल सकता है.

भाजपा सांसद ने जमाखोरी और कालाबाज़ारी की बात कहते हुए 2,000 के नोट बंद करने की मांग की

नकली नोट, काला धन और आतंकवाद को नियंत्रित करने की बात कहते हुए मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी और 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे. अब भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में कहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों ने इस नोट की जमाखोरी कर रखी है. केवल अवैध व्यापार में इनका इस्तेमाल हो रहा है.

पिछले दो सालों में दो हज़ार रुपये के नोट नहीं छापे गए: सरकार

साल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन और नकली नोटों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नोटबंदी की ऐतिहासिक घोषणा की थी. तब 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था. इसके बाद सरकार ने 500 तथा 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे.

2000 रुपये का नोट बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं: केंद्र

साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने के बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट के साथ-साथ 500 रुपये के नए नोट की छपाई शुरू की थी.