क्या हिंदी गीतों में कोई दूसरा ‘नीरज’ है जिसे आवाज़ दी जा सके कि गीतों का कारवां उदास है संस्मरण: प्रख्यात गीतकार और कवि गोपालदास नीरज ख़ुद को जनता का कवि कहते थे. उनका मानना था कि जीवन को जीने के लिए मार्क्स को भी मानना होगा और कबीर को भी. 22/07/2018
शकीला नहीं रहीं, लेकिन अपने गीतों से वे लोगों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगी अभिनेत्री शकीला ने देवानंद की सीआईडी और गुरुदत्त की आर पार में यादगार अभिनय किया है. 22/09/2017