कृतज्ञता का भाव ग़ैर-बराबरी और नाइंसाफी की स्थिति से जुड़ा हो, तो हिंसा पैदा होती है

कृतज्ञता के साथ जब अपनी लाचारी का एहसास जुड़ जाए तो मनुष्य उससे मुक्त होना चाहता है. एक समुदाय ही रहम, कृपा, राहत का पात्र बनता रहे यह वह कबूल नहीं कर सकता. वह बराबरी हासिल करना चाहता है.