उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से किसानों की आत्महत्या के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए राज्यों द्वारा उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों की जानकारी देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.
गुजरात के किसानों की दुर्दशा से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, यह आश्चर्यजनक है कि आत्महत्या के पीछे के कारणों पर ग़ौर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में 16 नवंबर, 2016 से अब तक 1761 लोगों ने आत्महत्या की है. इनमें 287 किसान और कृषि मजदूर के अलावा 160 विद्यार्थी भी शामिल हैं.