महाराष्ट्र में क़ानूनी सहायता सेवाओं तक 8 फीसदी से भी कम क़ैदियों की पहुंच: अध्ययन

महाराष्ट्र में क़ानूनी सहायता की स्थिति और उपलब्धता पर एक विस्तृत अध्ययन से पता चलता है कि 2016 और 2019 के बीच राज्य की जेलों में बंद कुल विचाराधीन क़ैदियों में से 8 फीसदी से भी कम क़ानूनी सहायता सेवाओं तक पहुंच बना सके. क़ैदियों में से अधिकांश अशिक्षित हैं और हाशिये की जातियों एवं धर्मों से संबंधित हैं.

भारत में क़ानूनी मदद पर प्रति व्यक्ति मात्र 0.75 रुपये ख़र्च होते हैं: रिपोर्ट

राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार, सिक्किम और उत्तराखंड जैसे राज्यों में विधिक सेवा प्राधिकारों को आवंटित धनराशि में से 50 फीसद से भी कम ख़र्च किया गया.