आरक्षण की वर्तमान प्रवृत्ति जाति व्यवस्था को मजबूत कर रही है: मद्रास हाईकोर्ट

मेडिकल कॉलेज की सीटों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा को लेकर डीएमके द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के नागरिकों को इतना सशक्त किया जाए कि आरक्षण व्यवस्था की जगह ‘मेरिट’ के आधार पर एडमिशन, नियुक्ति और प्रमोशन हो.

वादी जिस भाषा में पक्ष रखे, उसी भाषा में जवाब दे केंद्र सरकार: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने माकपा सांसद एस. वेंकटेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को संघ या राज्य में इस्तेमाल होने वाली किसी भी भाषा में पक्ष रखने का अधिकार है. सांसद ने अपनी याचिका में केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसे केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच सभी पत्राचारों में अंग्रेज़ी भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. 

मद्रास हाईकोर्ट ने कई दिशानिर्देश जारी किए, कहा- सरकार पिंजड़े में क़ैद तोते सीबीआई को रिहा करे

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल संसद को रिपोर्ट करने वाले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की तरह सीबीआई को भी एक स्वायत्त संस्था होना चाहिए. सीबीआई की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए इसे वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए.

कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों की सटीक रिपोर्ट दी जानी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि देशभर से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि कोरोना से होने वाली सभी मौतों के आंकड़ों को ठीक से दर्ज नहीं किया जा रहा है. अदालत ने कहा कि यह वास्तव में महामारी के पैमाने को समझने के प्रयास को बाधित कर सकता है और परिवारों को उस राहत की मांग करने से भी वंचित सकता है, जिसके वे हक़दार हैं.

पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ कोर्ट का आदेश, कहा- एलजीबीटी समुदाय को हाशिए पर नहीं छोड़ सकते

पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ दो समलैंगिक महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय के संबंधों के प्रति समाज में परिवर्तन की ज़रूरत है. असली समस्या क़ानूनी मान्यता की नहीं बल्कि सामाजिक स्वीकृति की है. हमारा मानना है कि सामाजिक स्तर पर बदलाव होने चाहिए.

कार्टून को लेकर दायर मानहानि का मामला ख़ारिज, कहा- अदालत नैतिकता नहीं सिखा सकती

साल 2017 में तमिलनाडु के तिरुनेलवेली ज़िला कलेक्टर कार्यालय में साहूकार द्वारा अत्यधिक ब्याज की मांग से परेशान होकर एक ही परिवार के चार सदस्यों ने आत्मदाह कर लिया था. कार्टूनिस्ट बालामुरुगन ने एक कार्टून बनाया था, जिसमें तत्कालीन ज़िला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मूकदर्शक बनकर घटना को देख रहे थे और उनके निजी अंग नोटों से ढके हुए थे.

धार्मिक असहिष्णुता की अनुमति दिया जाना एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए अच्छा नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें तमिलनाडु के एक गांव में ग्रामीणों द्वारा एक मंदिर से संबंधित जुलूस को एक ख़ास रास्ते से निकालने को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसका स्थानीय मुस्लिम विरोध कर रहे थे.

चुनाव टालने को सोचा था लेकिन इसके ख़िलाफ़ निर्णय लिया गया: चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

बीते दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए इसके अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जा सकता है. इसे लेकर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपना एक अलग हलफ़नामा तैयार कर इस्तीफ़ा देने को कहा था. आयोग ने इसे ख़ारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट का निर्वाचन आयोग के ख़िलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियां हटाने से इनकार

मद्रास हाईकोर्ट ने बीते 26 अप्रैल को निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए उसे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए ‘अकेले’ ज़िम्मेदार क़रार दिया था और कहा था कि वह ‘सबसे ग़ैर ज़िम्मेदार संस्था’ है. इन टिप्पणियों को हटाने के लिए आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को रुख़ किया था.

मौखिक बयान महत्वपूर्ण, मीडिया को इन्हें प्रकाशित करने से नहीं रोक सकते: सुप्रीम कोर्ट

कोविड प्रबंधन पर मद्रास हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई टिप्पणियों को लेकर आयोग की याचिका पर शीर्ष अदालत ने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब उसके संस्थानों को मजबूत किया जाता है. हमें सुनिश्चित करना होता है कि जज अपने विचार रखने के लिए पर्याप्त स्वतंत्र हों. साथ ही अदालत में होने वाली हर बात को मीडिया रिपोर्ट करे ताकि जज गरिमा से अदालती कार्यवाही करें.

कोविड: कोर्ट ने कहा, यह सुनिश्चित करें कि मतगणना का दिन सुपर स्प्रेडर कार्यक्रम न बन जाए

मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों उठाने में कथित तौर पर लापरवाही को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि कि वह 14 महीनों से कर क्या रही थी? दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की गिनती होनी है.

कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने कहा, कोविड नियम लागू करवाना हमारी ज़िम्मेदारी नहीं

मद्रास हाईकोर्ट द्वारा कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल लागू करवाने में चुनाव आयोग की नाकामी की आलोचना के बाद आयोग ने कहा है कि महामारी से जुड़े क़ानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की आपदा प्रबंधन इकाइयों की है और उसने कभी यह भूमिका अपने हाथ में नहीं ली.

कोविड-19: अदालत की फटकार के बाद मतगणना के दौरान या बाद में विजय जुलूस पर पाबंदी

चुनाव आयोग ने कोविड-19 के चलते पांच राज्यों में दो मई को होने वाली मतगणना के दौरान या इसके बाद जीत का जश्न मनाने के लिए जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है. इससे पहले सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने आयोग की तीखी आलोचना करते हुए उसे देश में महामारी की दूसरी लहर के लिए अकेले ज़िम्मेदार बताया था.

कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग ज़िम्मेदार, अफसरों पर हत्या का मुक़दमा होना चाहिए: कोर्ट

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव की मतगणना में कोविड प्रोटोकॉल के पालन संबंधी एक याचिका की सुनवाई में मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है. अदालत ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सर्वोपरि है और यह चिंताजनक है कि संवैधानिक अधिकारियों को इस बारे में याद दिलाना पड़ रहा है.

पुदुचेरी भाजपा पर आधार से मतदाताओं की जानकारी लेने के आरोप विश्वसनीय: हाईकोर्ट

पुदुचेरी में भाजपा द्वारा आधार के ज़रिये मतदाताओं के मोबाइल नंबर एकत्र करने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग को इसे आचार संहिता के उल्लंघन के तौर पर लेना चाहिए और पार्टी के ख़िलाफ़ अलग से आपराधिक जांच करनी चाहिए. कोर्ट ने यूआईडीएआई से भी जवाब तलब किया है.

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