क्या भारत के विश्वविद्यालयों का हाल ‘जिए के न मरे के, हुकुर-हुकुर करे के’ हो चला है

वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में ‘गो-बारस’ के मौक़े पर पूजा के आयोजन में कर्मचारियों को सपरिवार उपस्थित रहने को कहा गया. आए दिन ऐसे आयोजन कई विश्वविद्यालयों के कैलेंडर का हिस्सा बनते जा रहे हैं और ऐसा करते हुए विश्वविद्यालय अपनी अवधारणा, सिद्धांत और कर्तव्य से बहुत दूर हो रहे हैं.

वर्धा विश्वविद्यालय के जेंडर चैंपियन पर यौन उत्पीड़न का आरोप, छात्राएं धरने पर

यौन उत्पीड़न का आरोपी शोधछात्र है जिसे पिछले सत्र में विश्वविद्यालय की ओर कैंपस के जेंडर चैंपियन के रूप में नामित किया गया था.