नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने एक्स को स्टेशन भगदड़ के वीडियो हटाने का निर्देश दिया

रेल मंत्रालय द्वारा एक्स को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की भगदड़ के वीडियो का प्लेटफॉर्म पर होना न केवल नैतिक मानदंडों, बल्कि एक्स की कंटेंट नीति के भी ख़िलाफ़ है, क्योंकि इस तरह के वीडियो साझा करने से क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है.

गुजरात हाईकोर्ट ने पत्रकार महेश लांगा की एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज़ की

गुजरात हाईकोर्ट ने जेल में बंद द हिंदू के पत्रकार महेश लांगा याचिका को खारिज़ कर दिया, जिसमें कथित तौर पर गोपनीय सरकारी दस्तावेजों के लिए उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी. लांगा पर गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के गोपनीय दस्तावेज रखने का आरोप लगाया गया है.

पुलिस द्वारा यौन उत्पीड़न मामले में पत्रकारों के फोन ज़ब्त करना प्रेस पर हमला है: मद्रास हाईकोर्ट

अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में पत्रकारों के मोबाइल फोन ज़ब्त करने के लिए एक महिला विशेष जांच दल को दोषी पाते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि पत्रकारों को उनके व्यक्तिगत और निजी डेटा तक पहुंच प्रदान करने के लिए मजबूर करना उन पर अत्याचार करने के अलावा और कुछ नहीं है.

आयकर विभाग ने द रिपोर्टर्स कलेक्टिव का गैर-लाभकारी दर्जा रद्द किया

आयकर विभाग ने मशहूर डिजिटल मीडिया आउटलेट द रिपोर्टर्स कलेक्टिव (टीआरसी) का गैर-लाभकारी दर्जा रद्द कर दिया है. विभाग का दावा है कि टीआरसी की पत्रकारिता सार्वजनिक उद्देश्य की पूर्ति नहीं करती है, बावजूद इसके कि संगठन पत्रकारों के ज़रिये महत्वपूर्ण खबरें सामने आती रही हैं.

‘कुछ होगा तो नहीं’- मुकेश चंद्राकर को पत्रकारिता के लिए पहले भी मिलती रही थीं धमकियां

वीडियो: छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने अगस्त 2024 में द वायर हिंदी पर 'बस्तर के पत्रकारों की आंध्र प्रदेश में गिरफ़्तारी' पर रिपोर्ट प्रकाशित होने के अगले दिन कहा था कि राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस ख़बर पर आपत्ति जताई थी. इस बारे में द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज से ज़ीशान कास्कर की बातचीत.

यह वक़्त मुकेश चंद्राकर और मनीष आज़ाद के साथ खड़े होने का है

यह वाकई मुश्किल समय है. कहीं एक पत्रकार मारा जा रहा है, कहीं एक सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक को जेल में डाला जा रहा है, कहीं एक पत्रकार बरसों से जेल में सड़ रहा है.

छत्तीसगढ़: मुकेश चंद्राकर को अपने काम के लिए पहले भी मिलती रही थीं धमकियां

छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने अगस्त 2024 में द वायर हिंदी पर 'बस्तर के पत्रकारों की आंध्र प्रदेश में गिरफ़्तारी' पर उनकी रिपोर्ट प्रकाशित होने के अगले दिन कहा था कि राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस ख़बर पर आपत्ति जताई थी.

ट्रंप-बेजोस से जुड़े कार्टून अस्वीकृत होने के बाद पुलित्जर विजेता कार्टूनिस्ट ने वाशिंगटन पोस्ट छोड़ा

2008 से वाशिंगटन पोस्ट से जुड़ी पुलित्जर पुरस्कार विजेता कार्टूनिस्ट एन टेल्नेस ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि इसकी वजह उनके एक कार्टून को अस्वीकृत किया जाना है. इसमें जेफ बेजोस समेत कई अरबपतियों को धन देते हुए डोनाल्ड ट्रंप के सामने झुकते हुए दिखाया गया है.

तथ्य बनाम भावना: इतिहासकार अपर्णा वैदिक पर हुए हमले क्या दर्शाते हैं?

इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर चर्चा के दौरान कुछ विवाद उठे. आरोप लगा कि अपर्णा ने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के लिए अपमान सूचक शब्दों का प्रयोग किया. लेकिन सच्चाई कुछ और है.

यूट्यूब से पैसा कमाने की बढ़ती भूख पत्रकारिता के लिए ख़तरा?

वीडियो: क्या यूट्यूब ने पत्रकारिता का स्वरूप बदला है, यूट्यूबर्स के आने से पत्रकारों की चुनौतियां बढ़ी हैं. इस विषय में मीडिया विश्लेषक और लेखक विनीत कुमार के साथ चर्चा कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.

मानवाधिकार दिवस: दो साल से सलाखों के पीछे क़ैद पत्रकार रूपेश, उच्च शिक्षा बनी सहारा

जुलाई 2022 से जेल में बंद रूपेश कुमार सिंह की जीवनसाथी उनके कारावास के अनुभव दर्ज कर रही हैं, साथ ही बता रही हैं कि बिहार की जेलों में क़ैदियों के साथ कितना अमानवीय बर्ताव होता है. लेकिन रूपेश की जिजीविषा बरक़रार है.

क्या मतदाता सरकारों से ‘संतुष्ट’ रहने लगे हैं?

हर बार चुनावों से पहले मीडिया के मैनेजमेंट से छनकर बढ़ती ग़रीबी, ग़ैर-बराबरी, बेरोज़गारी व महंगाई वगैरह के कारण सरकारों के प्रति आक्रोश व असंतोष की जो बातें सामने आ जाती हैं, क्या वे सही नहीं हैं? मतदाताओं की सरकारों से इस 'संतुष्टि' को कैसे देखा जाए?

गुजरात: पत्रकार महेश लांगा को धोखाधड़ी मामले में अदालत से अग्रिम ज़मानत मिली

अहमदाबाद अपराध शाखा ने लांगा को जीएसटी चोरी करने वाली कंपनियों के गठजोड़ का हिस्सा होने के आरोप में 10 अक्टूबर को गिरफ़्तार किया था. जिसके बाद उन पर कई केस दर्ज हुए. जिस मामले में उन्हें अग्रिम ज़मानत मिली है, वो व्यवसायी द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप का है.

प्रेस काउंसिल ने ‘द कारवां’ को सेना संबंधी रिपोर्ट को लेकर कारण बताओ नोटिस भेजा

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 'द कारवां' पत्रिका को जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित रिपोर्ट के संबंध में कारण बताओ नोटिस भेजा है. इससे पहले पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में उक्त रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट से हटाने के लिए कहा गया था.

टैक्स धोखाधड़ी मामले में गिरफ़्तार पत्रकार के वकील बोले- उनके नाम पर न लेन-देन, न दस्तख़त

अहमदाबाद में गिरफ़्तार किए गए पत्रकार महेश लांगा के वकील ने कहा है कि जिस कंपनी (डीए एंटरप्राइज) का नाम एफआईआर में दर्ज है, उनके मुवक्किल न तो उसके निदेशक है और न ही प्रमोटर.

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