वीडियो: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद क्षेत्र में पहुंची थीं. मुस्लिम बहुल इलाकों में क्या राहुल गांधी कोई प्रभाव डाल पाएंगे, इस बारे में बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने असम में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का मसौदा प्रकाशित किया है, जिसमें राज्य में सीट संख्या तो समान रखी गई है, लेकिन कुछ निर्वाचन क्षेत्रों का नाम बदलने का प्रस्ताव है और कथित तौर पर मुस्लिम मतदाताओं की शक्ति को कम करने के लिए कई क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया गया है.
उत्तर प्रदेश की रामपुर और आज़मगढ़ लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान के दौरान ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस मुस्लिम मतदाताओं को मतदान केंद्रों के अंदर प्रवेश करने से रोक रही है. मुख्य विपक्षी दल सपा ने भी उपचुनाव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किए हैं.
वीडियो: जब भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात आती है तो जाटों और मुसलमानों की चर्चा होती है, क्योंकि यहां दोनों की अच्छी ख़ासी आबादी है. दोनों समुदायों को कुल मिलाकर 43 फीसदी वोट है. पश्चिमी यूपी में क्या करेगी भाजपा? क्या अखिलेश का जाट-मुस्लिम फैक्टर चलेगा या भाजपा का 80 बनाम 20 का दांव काम करेगा? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में चुनावी हलचल होनी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस के अलावा सत्तारूढ़ भाजपा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुट गई हैं. द वायर की टीम ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के नरौरा जाकर लोगों से आने वाले चुनाव के संबंध में प्रतिक्रिया ली और उनका मूड जानने की कोशिश की.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही हैं. हर पार्टी अपने वोटर को हाथ से जाने नहीं देना चाहती. उनकी नज़र राज्य के मुस्लिम वोटर पर है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने लखनऊ के मुस्लिम समुदाय से बात की और वहां बन रहे चुनावी समीकरण को जाना.
इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं में नीतीश सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए की गई पहल की बातें थीं, लेकिन महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी के साथ सरकार बनाने को अल्पसंख्यक समुदाय में उनके जनादेश के तौहीन की तरह देखा जा रहा था.
गुजरात से आख़िरी बार 1984 में मुस्लिम सांसद के रूप में कांग्रेस से अहमद पटेल लोकसभा पहुंचे थे. इससे पहले 1977 में राज्य से दो नेता- अहमद पटेल और एहसान ज़ाफ़री सांसद बने. गुजरात से एक बार में इससे ज़्यादा मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचे हैं.
अपने जन्मदिन पर बोले मुलायम, मुख्यमंत्री रहते देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, 28 लोग मारे गए. अगर और मारने होते तो हमारे सुरक्षाबल और मारते.