पेट्रोल और डीज़ल के दाम में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन करने के लिए भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद और उनके पांच समर्थकों के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया गया है. कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ इस महीने में यह दूसरी एफ़आईआर दर्ज की गई है.
कर्नाटक के मंड्या ज़िले के श्रीरंगापट्टनम स्थित गोकुलदास एक्सपोर्ट्स कंपनी ने अपनी एक इकाई ‘यूरो क्लॉथिंग कंपनी-2’ कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते बंद कर दी है. इसके बाद से कर्मचारी कंपनी के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
पुलिस की बर्बरता से हम सभी को फ़र्क़ पड़ना चाहिए, भले ही निजी तौर पर हमारे साथ ऐसा न हुआ हो. ये हमारी व्यवस्था का ऐसा हिस्सा बन चुका है, जिसे बदलना चाहिए और पूरी ताक़त से मिलकर ज़ाहिर की गई जनभावना ही ऐसा कर सकती है.
दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक को लिखे पत्र में नर्स यूनियन ने अस्पताल के कोविड-19 क्षेत्रों में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के साथ चार घंटे की समान पाली, कोविड-19 और ग़ैर कोविड-19 क्षेत्रों के बीच समान रोटेशन नीति लागू करने समेत कई मांगें रखी हैं.
जब विरोध होता है तो व्यवस्था की ओर से उपदेश दिया जाता है कि संवाद की स्थितियां बनानी चाहिए. यह बोझ भी प्रदर्शनकारियों पर ही डाल दिया जाता है कि वे संवाद कायम करें. क्या शोषण तर्क और संवाद के सहारे चलता है? विरोध से अराजकता फैलने का आरोप लगाते समय लोग भूल जाते हैं कि जो विरोध करने को बाध्य हुए हैं, उनके जीवन में अराजकता के अलावा शायद ही कुछ है.
वीडियो: बीती 25 मई को अमेरिका के मिनीपोलिस में एक पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के गले को घुटनों से कई मिनट तक दबाए रखा था, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी. घटना के बाद से नस्लभेद के ख़िलाफ़ अमेरिका सहित विभिन्न देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
बीती 25 मई को अमेरिका के मिनीपोलिस में एक पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के गले को घुटनों से कई मिनट तक दबाए रखा था, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से नस्लभेद के ख़िलाफ़ अमेरिका सहित विभिन्न देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
सोमवार को अहमदाबाद में घर लौटने की मांग को लेकर लगभग सौ मज़दूर सड़कों पर उतर आए और पथराव व तोड़-फोड़ की. इससे पहले रविवार को राजकोट में कामगारों ने गृह राज्य भेजने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हुए हैं.
जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले के चेनाब टेक्सटाइल मिल्स के श्रमिकों ने आरोप लगाया कि उन्हें मासिक वेतन के रूप में कम का भुगतान किया गया. वहीं, कर्नाटक के मेंगलुरु में सैकड़ों प्रवासी मज़दूरों ने भी घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है.
केंद्रीय गृह सचिव के मुताबिक, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.
यह घटना राज्य के मलप्पुरम में गुरुवार को हुई, जहां लॉकडाउन के बीच करीब सौ प्रवासी मज़दूरों ने घर भेजे जाने की मांग करते हुए मार्च निकाला.
सब्ज़ी विक्रेता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए उनकी पिटाई की थी. पुलिस ने बताया कि मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगी. उन्होंने परिजनों से पुलिस ज़्यादती का सबूत देने को कहा है.
महिला अधिकार समूहों ने अपने बयान में हालिया घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा है कि सरकार बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पत्रकारों को भी निशाना बना रही है, जो उसकी दोषपूर्ण नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के बिलरियागंज से बीते पांच फरवरी को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के चलते इन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. इन पर देश विरोधी नारा लगाने और हिंसा करने का आरोप है.
पुलिस ने बताया कि लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ अशोभनीय पोस्टर लगाने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उनमें से सुधांशु बाजपेयी और अश्विनी कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.