संसदीय समिति ने वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में रियायत फिर से शुरू करने की सिफ़ारिश की

मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद ये रियायतें केंद्र सरकार द्वारा ख़त्म कर दी गई थीं. इससे पहले रेलवे 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों को किराये में 40 प्रतिशत की छूट और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 50 प्रतिशत की रियायत देता था.

बजट में हाशिये के तबकों, बच्चों, बुज़ुर्गों के लिए बहुत कम प्रावधान किए गए: अधिकार समूह

विभिन्न अधिकार समूहों का कहना है कि बजट में विशेष रूप से सक्षम समुदाय के लिए कुछ अलग नहीं है. वहीं, कई वरिष्ठ नागरिक असुरक्षित हैं और उन तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयासों की ज़रूरत है. बाल अधिकार संरक्षण से जुड़ी प्रमुख संस्था ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ ने कहा है कि लगता है कि बच्चे बजट की प्राथमिकता में छूट गए हैं.

दिल्ली के वृद्धाश्रम में आग लगने से दो महिलाओं की मौत

दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-2 स्थित एक वृद्धाश्रम में हुई घटना. पुलिस ने बताया कि आग लगने की वजह फिलहाल पता नहीं लग सकी है और घटना की जांच जारी है. दक्षिणी दिल्ली में यह पिछले एक हफ्ते में आग लगने की दूसरी घटना है. इससे पहले 29 दिसंबर को संगम विहार इलाके में तीन मंज़िला एक इमारत में मौजूद दुकानों में आग लग गई थी.

नुकसान का हवाला देते हुए केंद्र ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे रियायत देने से इनकार किया

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. एक आरटीआई से बीते मई महीने में पता चला था कि मार्च 2020 से दो वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली रियायत न देने से रेलवे ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में छूट को बहाल नहीं करेगा रेलवे

देश में कोविड-19 महामारी शुरू होने के पहले वरिष्ठ नागरिकों को यह छूट दी जाती थी लेकिन यात्री किराए के ज़रिये कमाई बढ़ाने के लिए मार्च 2020 से यह छूट बंद कर दी गई थी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि राजस्व में गिरावट में के चलते यात्रियों को ट्रेन किराए में रियायत देना संभव नहीं है.

संपत्ति पर बुज़ुर्गों का असली हक़, बच्चे इसके सिर्फ़ ‘लाइसेंसधारक’ होते हैंः कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि एक वरिष्ठ नागरिक के अपने घर में रहने के अधिकार को विशेष रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के चश्मे से देखा जाना चाहिए. अब यह अच्छी तरह से तय हो चुका है कि वरिष्ठ नागरिक के घर में रहने वाले बच्चे और उनके जीवनसाथी ज़्यादा से ज़्यादा ‘लाइसेंसधारक’ होते हैं. यदि वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों और परिवार के साथ खुश नहीं हैं, तो इस लाइसेंस को समाप्त भी किया जा सकता है.

बिहार: बुज़ुर्गों की तरह वृद्धाश्रमों को भी उपेक्षित छोड़ दिया गया है

बिहार समाज कल्याण विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे राज्य में केवल पटना, पूर्णिया, रोहतास, भागलपुर, पश्चिम चंपारण और बेगूसराय में सरकार प्रायोजित वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि नियम ये है कि राज्य सरकारें हर ज़िले में कम से कम एक वृद्धाश्रम की स्थापना करेंगी.

65 से अधिक उम्र के कलाकारों के काम करने पर रोक लगाने का फ़ैसला भेदभावपूर्णः बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के मद्देनज़र 65 वर्ष से अधिक उम्र के कलाकारों के शूटिंग सेट पर काम करने पर रोक लगाई है. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब किसी वरिष्ठ नागरिक को दुकान खोलने और वहां पूरा दिन बैठे रहने से नहीं रोका जा सकता, तो कलाकारों को काम से रोकने का आधार क्या है.