वन संशोधन अधिनियम: आरटीआई से खुलासा- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों की अनदेखी की

शीर्ष अदालत ने 2011 के एक फैसले में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि वन संबंधी 1996 के उसके फैसले का पालन किया जाए और राज्य 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत सभी वनों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिए ‘भू-संदर्भित जिला वन-मानचित्र’ तैयार करें. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों निर्णयों का पालन नहीं किया गया है.

बांस को घास की श्रेणी में लाने के प्रावधान वाले विधेयक को राज्यसभा की मंज़ूरी

विधेयक में कटाई और एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ग़ैर वन क्षेत्र में उगे हुए बांस को छूट प्रदान करने के लिए कानून में वृक्ष की परिभाषा से बांस शब्द हटाए जाने का प्रस्ताव किया गया है.