मध्य प्रदेश सरकार बीते दिनों पेसा क़ानून लागू करने के बाद से इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. 1996 में संसद से पारित इस क़ानून के लिए ज़रूरी नियम बनाने में राज्य सरकार ने 26 साल का समय लिया. आदिवासी नेताओं का कहना है कि शिवराज सरकार के इस क़दम के पीछे आदिवासियों की चिंता नहीं बल्कि समुदाय को अपने वोट बैंक में लाना है.
राजस्थान के अजमेर में हुई सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले हिंदू, मुस्लिम, अगड़े-पिछड़े जैसे मुद्दों को लेकर समाज को बांटते हैं. हम लोग वोट बैंक की राजनीति में नहीं, ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं.