हिमाचल प्रदेश: शहरी ग़रीब परिवारों को गारंटीकृत रोज़गार के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है

हिमाचल प्रदेश के शहरी ग़रीब परिवारों को रोज़गार प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की थी. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के तहत काम की मांग बढ़ी है, लेकिन प्रत्येक मज़दूर को औसतन प्राप्त कार्य के दिनों की संख्या में कमी देखी गई है. इतना ही नहीं 2023-24 के बजट में राज्य की नई कांग्रेस सरकार ने इस योजना की अनदेखी की है.

न्यूनतम मज़दूरी नहीं देने वाले उद्योग को चालू रहने का हक़ नहीं: हाईकोर्ट

अदालत ने कहा, बिना न्यूनतम मज़दूरी दिए लोगों से काम लेना आपराधिक कृत्य है और इसके लिए न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम, 1948 के तहत दंडात्मक प्रावधान मौजूद हैं.