वाराणसी: महात्मा गांधी के विचारों के प्रसारक ‘सर्व सेवा संघ’ परिसर को जबरन ख़ाली करवाया गया

महात्मा गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए बने सर्व सेवा संघ के वाराणसी परिसर को उत्तर रेलवे द्वारा उसकी ज़मीन पर 'अतिक्रमण' बताया गया है. इसी मामले में शनिवार को कार्रवाई करने के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष समेत सात लोगों को हिरासत में ले लिया.

मवेशियों को रखना और कहीं ले जाना यूपी गोहत्या क़ानून के तहत अपराध नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि गोहत्या निषेध कानून-1956 के तहत जीवित गाय/बैल को अपने पास रखना अपराध करने, उकसाने या अपराध करने का प्रयास नहीं हो सकता है. उत्तर प्रदेश की सीमा के भीतर गाय को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना इसके दायरे में नहीं आता.

मेडिकल चेकअप से पहले अतीक़ और उसके भाई को मीडिया के सामने क्यों लाया गया: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस के सुरक्षा घेरे में हुई हत्या के बाद उठाए गए क़दमों को लेकर एक स्थिति रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने पूछा कि दोनों के हत्यारों को कैसे पता चला कि उन्हें उस रात मेडिकल चेकअप के लिए किस अस्पताल ले जाया जाएगा.

क्या वाकई में यूपी में नो अपराध, नो दंगा, सब चंगा?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी जनसभाओं में कह रहे हैं कि उनके राज्य में अब अपराध नहीं हैं. उनका कहना है कि नो कर्फ्यू, नो दंगा, सब चंगा. रंगदारी न फिरौती अब यूपी में नहीं चलेगी किसी की बपौती. क्या वाकई यूपी में अपराध कम हो गया है?

‘यूपी में अपराध के हालात’ पर खुलकर नहीं बोला गोरखपुर

वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में पुलिस के सुरक्षा घेरे में कुछ समय पहले की गई गैंगस्टर से नेता बने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की हत्या के बाद राज्य में क़ानून और व्यवस्था पर एक बार फ़िर सवाल उठने लगे हैं. प्रदेश में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर गोरखपुर के कुछ पत्रकारों और अन्य लोगों से बातचीत.

अतीक़ अहमद के हत्यारों के तार किससे जुड़े हैं?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में बीते 15 अप्रैल की देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इससे पहले बीते 13 अप्रैल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान अतीक़ के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था.

अतीक़-अशरफ़ हत्या: सवाल क़ानून के राज का है

कुछ गैंगस्टरों की हत्या होगी और कुछ अन्य को आज संरक्षण मिलेगा, कल ज़रूरत पड़ने पर उनकी भी हत्या होगी. आम नागरिक को टीवी पर जय श्री राम के नारों के साथ हत्याओं का लाइव टेलीकास्ट दिखाया जाएगा ताकि वो 56 इंच छाती की तारीफ़ करे.

अतीक़-अशरफ़ हत्या को लेकर उठते सवाल और क़ानून का राज

वीडियो: अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस सुरक्षा के बीच मीडिया के सामने हुई हत्या की पूरी कहानी क्या है? इसे लेकर सरकार और पुलिस मशीनरी पर लगातार सवाल क्यों उठ रहे हैं?

अतीक़ और अशरफ़ की हत्या पुलिस की भूमिका पर संदेह खड़ा करती है: जस्टिस लोकुर

अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या को लेकर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि 'पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले पहले भी हुए हैं, लेकिन शायद यह पहली बार है जब पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को किसी तीसरे शख़्स ने मार दिया.'

विपक्ष ने अतीक़ अहमद की हत्या पर सवाल उठाए; मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की मांग

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में शनिवार देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरेआम हुई इस घटना पर विपक्ष के नेताओं ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.

अतीक़ अहमद हत्या: चिंता राज्य के अपराधी बनने की है, जिसे हमारी हिफ़ाज़त करनी है

अपराधियों के समर्थक अपराधी ही हो सकते हैं और वे हैं. हमारी चिंता है उस राज्य द्वारा समाज के एक हिस्से को हत्या का साझेदार बना देने की साज़िश से. हमारी चिंता क़ानून के राज के मायने के लोगों के दिमाग़ से ग़ायब हो जाने की है.

अतीक़-अशरफ़ हत्या: उत्तर प्रदेश में अब कोर्ट-कचहरी का क्या काम?

वीडियो: इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षा घेरे में मीडिया के सामने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना के मद्देनज़र प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षा घेरे में अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान बीते 13 अप्रैल को अतीक़ अहमद के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था. इससे पहले अतीक़ ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था कि उसे डर है कि उसे फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मार दिया जाएगा.

यूपी: अतीक़ अहमद के बेटे का पुलिस एनकाउंटर योगी सरकार में हुई 183वीं ऐसी घटना है

19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने पुलिस एनकाउंटर को अपना राजनीतिक समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री के लिए यह अपराध पर नकेल कसने, जो उनकी सरकार का प्रमुख मुद्दा है, का सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने इसे एक निवारक उपाय भी माना है.

यूपी पुलिस के एनकाउंटर में अतीक़ अहमद के बेटे की मौत

अतीक़ अहमद के बेटे असद अहमद और ग़ुलाम, उमेश पाल की हत्या मामले में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को इलाहाबाद में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे.

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