अतीत की बातों को भुलाकर सभी मिलकर भव्य राम मंदिर का निर्माण करेंगे: संघ प्रमुख

अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में भावी योजना के बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ आंदोलन नहीं करता, संघ का काम मनुष्य निर्माण है.

New Delhi: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat addresses after the Supreme Court pronounces its verdict on Ayodhya land case, in New Delhi, Saturday, Nov. 9, 2019. The apex court on Saturday cleared the way for the construction of a Ram Temple at the disputed site at Ayodhya, and directed the Centre to allot a 5-acre plot to the Sunni Waqf Board for building a mosque. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI11_9_2019_000131B)(PTI11_9_2019_000135B)

अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में भावी योजना के बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ आंदोलन नहीं करता, संघ का काम मनुष्य निर्माण है.

New Delhi: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat addresses after the Supreme Court pronounces its verdict on Ayodhya land case, in New Delhi, Saturday, Nov. 9, 2019. The apex court on Saturday cleared the way for the construction of a Ram Temple at the disputed site at Ayodhya, and directed the Centre to allot a 5-acre plot to the Sunni Waqf Board for building a mosque. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI11_9_2019_000131B)(PTI11_9_2019_000135B)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि दशकों तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह विधिसम्मत और अंतिम निर्णय हुआ है और अब अतीत की बातों को भुलाकर सभी को मिलकर भव्य राम मंदिर का निर्माण करना है.

उन्होंने हालांकि काशी और मथुरा के सवाल पर सीधे जवाब नहीं देते हुए कहा, ‘आंदोलन करना संघ का काम नहीं है.’

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का फैसला देते हुए केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाए.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया.

भागवत ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ घंटे बाद ही पत्रकार वार्ता में कहा, ‘राम जन्मभूमि के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस देश की जनभावना, आस्था और श्रद्धा को न्याय देने वाले निर्णय का संघ स्वागत करता है. दशकों तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह विधिसम्मत अंतिम निर्णय हुआ है.’

उन्होंने देशवासियों से संयम बनाये रखने की अपील करते हुए कहा, ‘इस निर्णय को जय, पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिये.’

संघ प्रमुख ने कहा, ‘संपूर्ण देशवासियों से अनुरोध है कि विधि और संविधान की मर्यादा में रहकर संयमित और सात्विक रीति से अपने आनंद को अभिव्यक्त करें.’

भागवत ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस विवाद के समापन की दिशा में न्यायालय के निर्णय के अनुरूप परस्पर विवाद को समाप्त करने वाली पहल सरकार की ओर से शीघ्र होगी.

उन्होंने कहा, ‘अतीत की सभी बातों को भुलाकर हम सभी मिलकर राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण में अपने कर्तव्य का पालन करेंगे.’

अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में भावी योजना के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘संघ आंदोलन नहीं करता, संघ का काम मनुष्य निर्माण है. उन्होंने कहा, ‘आगे हम मनुष्य निर्माण में जुड़ जाएंगे. आंदोलन के विषय हमारे विषय नहीं रहते तो हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते.’

पांच एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया के सवाल पर संघ प्रमुख ने कहा, ‘यह न्यायालय का निर्णय है. इसे हम स्वीकार करते हैं. मैंने विजयादशमी के भाषण में भी कहा था कि हम फैसला मानेंगे और हम मान रहे हैं. हमें विवाद समाप्त करना है.’

मस्जिद अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थल पर बनाने के न्यायालय के फैसले से क्या वह सहमत है, इस बारे में पूछने पर भागवत ने कहा, ‘ न्यायालय ने जो बताया है, उसका अर्थ निकालेंगे अध्ययन करेंगे. सरकार जमीन के बारे में तय करेगी.’

उन्होंने कहा, ‘विवाद को समाप्त करने की पहल सरकार की तरफ से हो. यह हमारी इच्छा थी, जो पूरी हो गई. आगे की प्रक्रिया सरकार देखेगी.’

यह पूछने पर कि इस विवाद का हल आपसी सहमति से भी निकल सकता था, उन्होंने कहा कि इसकी पहल पहले हुई थी लेकिन सफल नहीं हुई और तभी यहां तक बात आई. उन्होंने कहा कि ठीक है देर आए, दुरुस्त आए.

मुस्लिमों के लिए उनका क्या संदेश होगा, इस सवाल पर भागवत ने कहा, ‘भारत का नागरिक तो भारत का नागरिक है‘ उसमें हिंदू मुस्लिम के लिए अलग संदेश क्यों. हम सबको मिलकर रहना है, देश को आगे बढा़ना है. यह सदा सर्वदा के लिए हमारा संदेश है.’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने न्यायालय के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा है कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार किया जाएगा. इस बारे में पूछने पर भागवत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हुए कहा, ‘जिन्होंने कहा है, आप उनसे पूछिये.’

राम जन्मभूमि न्यास के भविष्य के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को मिलकर राम मंदिर बनाने के लिए काम करना है.

उन्होंने कहा, ‘आगे की गतिविधि जैसे बनती जाएगी, उसके रास्ते निकलते जाएंगे. हमने कोई आग्रह नहीं किया है. राम जन्मभूमि न्यास को मंदिर के लिए स्थान दिया गया है और सरकार को न्यास बनाने के लिए कहा है. हम सभी को मिलकर काम करना है.’

विश्व हिंदू परिषद की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा‘ विहिप अपनी भूमिका खुद तय करेगा.’