अंबानी के साथ ही छाया विरानी, रायना करानी, मंजरी काकर, सुरेश रंगाचर ने आरकॉम के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. रिलायंस कम्युनिकेशंस फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है.
नई दिल्ली: अनिल अंबानी ने कर्ज के बोझ से दबी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. कंपनी ने बीते शनिवार को शेयर बाजारों को यह सूचना दी.
शेयर बाजारों को दी जानकारी में कंपनी ने कहा है कि अंबानी के साथ ही छाया विरानी, रायना करानी, मंजरी काकर, सुरेश रंगाचर ने आरकॉम के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है.
Reliance Communications Limited: Anil Dhirubhai Ambani along with four other directors, Chhaya Virani, Ryna Karani, Manjari Kacker & Suresh Rangachar, have tendered their resignation from the post. pic.twitter.com/TxQG31taz4
— ANI (@ANI) November 16, 2019
इससे पहले मणिकंतन वी. ने कंपनी के निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) का पद छोड़ा था. कंपनी ने कहा है कि इन इस्तीफों को कंपनी के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा.
आरकॉम फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है. सांविधिक बकाया पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की वजह से कंपनी को अपनी देनदारियों के लिए भारी-भरकम प्रावधान करना पड़ा है. इससे चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है.
यह आज तक किसी भारतीय कंपनी को हुआ दूसरा सबसे बड़ा घाटा है. अंबानी कभी दुनिया के शीर्ष दस सबसे अमीरों में थे, लेकिन आज उनकी कंपनी को बकाये को चुकाने के लिए अपनी संपत्तियों की बिक्री करनी पड़ रही है. कंपनी को एक साल पहले इसी तिमाही में 1,141 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
आरकॉम की कुल देनदारियों में 23,327 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क और 4,987 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क शामिल है.
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि मणिकंतन वी. के इस्तीफे तथा डी. विश्वनाथ की कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी के पद पर नियुक्ति को ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा. सीओसी की मंजूरी के बाद शेयर बाजारों को और खुलासा किया जाएगा.
बड़े भाई मुकेश अंबानी के साथ संपत्ति के बंटवारे के बाद 2005 में आरकॉम अनिल अंबानी के हिस्से आई थी.
स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन के आवेदन के बाद कंपनी फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने कंपनी का नियंत्रण दिवाला समाधान पेशेवर को सौंप दिया है.
सूत्रों का अनुमान है कि आरकॉम समूह का कुल संरक्षित कर्ज करीब 33,000 करोड़ रुपये है. ऋणदाताओं ने आरकॉम से 49,000 करोड़ रुपये का दावा किया है.
आरकॉम ने अपनी संपत्तियों को बिक्री के लिए रखा हैं. इसमें 122 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम भी है जिसका मूल्य दिवाला प्रक्रिया शुरू होने से पहले करीब 14,000 करोड़ रुपये था.
इसी तरह कंपनी के टावर कारोबार का मूल्य करीब 7,000 करोड़ रुपये, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का 3,000 करोड़ और डेटा केंद्रों का मूल्य करीब 4,000 करोड़ रुपये है.
आरकॉम की संपत्तियों की बिक्री का काम देख रही ऋणदाताओं की समिति इनके लिए बोलियां 24 नवंबर को खोलेगी.