काले धन पर कर और जुर्माना देकर वैध बनाने के लिए लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को अब सरकार ने भी असफल माना है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) को लेकर प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं लगती क्योंकि इस कर माफी योजना के तहत केवल 5000 करोड़ रुपये की बिना लेखा-जोखा वाली आय घोषित की गयी है.
पिछले साल दिसंबर में कालाधन वालों को कर चुकाकर और 50 फीसदी का जुर्माना भरकर कानूनी कार्रवाई से बचने का मौका देने के लिए यह योजना शुरू की गयी थी.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा, ‘पीएमजीकेवाई के प्रति प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं रही है. पीएमजीकेवाई के तहत करीब 5000 करोड़ रुपये की आय की ही घोषणा हुई है. उसके मुख्यत: दो कारक हैं.’
उन्होंने कहा, ‘पहला, योजना की घोषणा से बहुत पहले ही लोगों ने अलग अलग खातों में अपना नकद डालने की कोशिश की. दूसरा कर और जुर्माना की दर थी.’
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएमजीकेवाई के बाद ऐसी कई समान योजनाएं आयी और ऐसे में प्रतिक्रिया को अलग-थलग कर नहीं देखा जा सकता है.
मंत्री ने कहा, ‘यह ध्यान रखिए कि पीएमजीकेवाई उस वित्त वर्ष में कोई पृथक योजना नहीं थी. आपके पास पहले आईडीएस थी और फिर आपने देखा कि लोग यह जानकर बैकिंग प्रणाली में पैसा जमा कराने लगे कि इस पर कर देनदारी लगेगी और पीएमजीकेवाई उससे ऊपर था.’
उन्होंने कहा, ‘जब आप खुलासा की गयी पूरी रकम देखेंगे तो आपको इन तीनों का सामूहिक रूप से देखना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार बेनामी कानून के तहत कालेधन के खिलाफ अपना अभियान जारी रखी हुई है.’
जून-सितंबर, 2016 के दौरान आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत 67,382 करोड़ रुपये अवैध धन की घोषणा हुई थी.