देशभर में 5,205 आईएएस अधिकारी कार्यरत हैं. कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक 444 आईएएस अधिकारियों का अपना नवीनतम अचल संपत्ति रिटर्न जमा करना बाकी है. वार्षिक रिटर्न साल में 31 जनवरी तक जमा करना होता है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारियों को समय पर अपनी अचल संपत्ति का विवरण देने, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने को कहा है. कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह बात कही गई है.
नियमों के अनुसार, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी को एक निर्दिष्ट फॉर्म में वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होता है. इसमें उन्हें विरासत में मिली अचल संपत्ति, उनके स्वामित्व वाली या उनके द्वारा खरीदी गई या उनके द्वारा पट्टे पर या गिरवी ली गई, उन संपत्तियों का पूर्ण विवरण देना होता है, जो उनके नाम पर या उनके परिवार के किसी सदस्य या अन्य व्यक्ति का नाम पर पंजीकृत है.
इस तरह की अचल संपत्ति का वार्षिक रिटर्न साल में 31 जनवरी तक जमा करना होता है.
देश भर में 5,205 आईएएस अधिकारी कार्यरत हैं और कार्मिक मंत्रालय द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, अभी 444 आईएएस अधिकारियों का अपना नवीनतम अचल संपत्ति रिटर्न जमा करना बाकी है.
कार्मिक मंत्रालय ने एक अन्य आदेश में कहा है कि उपरोक्त प्रावधानों का पालन करने में लोक सेवकों की विफलता अनुशासनात्मक कार्यवाही सहित अन्य चीजों के लिए उपयुक्त और पर्याप्त कारण होंगे.
अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) दाखिल करने की प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए कार्मिक मंत्रालय ने आईएएस अधिकारियों के संबंध में इस तरह के रिटर्न को ऑनलाइन दाखिल करने की शुरुआत की है.
इस मॉड्यूल के माध्यम से अधिकारी आईपीआर इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा कर सकते हैं या हाथ से भरे गए आईपीआर की स्कैन की हुई प्रति अपलोड कर सकते हैं.
मंत्रालय ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2019 का रिटर्न दाखिल करने के संबंध में यह ऑनलाइन मॉड्यूल 31 जनवरी, 2020 की निर्धारित समयावधि के बाद स्वतः बंद हो जाएगी.
केंद्र सरकार के विभागों के सचिवों और राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को जारी किए गए आदेश में कहा गया है, ‘आपसे अपने मंत्रालय/विभाग और इसके विभिन्न संगठनों में काम करने वाले सभी आईएएस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे 31 दिसंबर 2019 को समाप्त हो रहे वर्ष के लिए आईपीआर मॉड्यूल में अपना आईपीआर ऑनलाइन जमा करें.’