दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि बिना उसकी सहमति के दया याचिका भेजी गई थी.
नई दिल्ली: दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका वापस लेने की मांग की. उसने कहा कि बिना उसकी सहमति के दया याचिका भेजी गई थी.
दोषी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया कि उसकी कथित दया याचिका तिहाड़ जेल प्रशासन ने ‘गलत इरादे’ से और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर ‘आपराधिक साजिश’ के तहत बिना उसकी सहमति की भेजी और जिसे गृह मंत्रालय ने उन्हें अग्रेषित किया है.
शर्मा ने कहा कि दया याचिका दायर करने से पहले उसके पास अब भी कानूनी विकल्प मौजूद है क्योंकि उसने अभी तक सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपचारात्मक याचिका दायर नहीं की है.
उसने लिखा, ‘इसलिए आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मेरे या मामले के अन्य दोषियों की ओर से संभावित याचिका दायर करने या लंबित रहने सहित तमाम कानूनी विकल्प खत्म नहीं हो जाते मुझे दया याचिका वापस करने की अनुमति दी जाए जिसे बिना मेरी सहमति और हस्ताक्षर भेजी गई है.’
अपने वकील एपी सिंह के जरिये भेजी चिट्ठी में शर्मा ने कहा, ‘इसके साथ ही आपसे अंतरिम तौर पर दया याचिका पर कोई फैसला नहीं करने का आग्रह करता हूं.’
राष्ट्रपति कोविंद को लिखी चिट्ठी में शर्मा ने कहा कि दया याचिका फर्जीवाड़ा करके भेजी गई है जिसके साथ मामले की पृष्ठभूमि को बताने वाले दस्तावेज और अहम तथ्य संलग्न नहीं किए गए हैं ताकि यह खारिज हो जाए.
दोषी ने कहा कि उसकी दया याचिका पर कोई कदम अन्याय होगा क्योंकि अभी भी उसके कानूनी विकल्प खत्म होने बाकी हैं.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को हाल में निर्देश दिया था कि वे चारों दोषियों को 13 दिसंबर को उसके समक्ष पेश करें ताकि वे अपनी याचिकाओं की स्थिति की जानकारी दे सके.
न्यायालय ने यह निर्देश पीड़िता के माता-पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दी जिसमें तिहाड़ जेल प्रशासन को सजा पर अमल करने का निर्देश देने की मांग की गई है.