अब असम कांग्रेस भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ याचिका दायर करेगी

इस कानून के खिलाफ असम में प्रदर्शन आरंभ होने के बाद पहली बार पार्टी की राज्य इकाई की तरफ से याचिका दायर किए जाने की घोषणा की गई है. इससे पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपने स्तर से याचिक दायर की है.

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Guwahati: Activists from the Veer Lachit Sena, Assam shout slogans as they protest against Citizenship Amendment Bill, in Guwahati, Saturday, Dec. 7, 2019. (PTI Photo) (PTI12_7_2019_000081B)

इस कानून के खिलाफ असम में प्रदर्शन आरंभ होने के बाद पहली बार पार्टी की राज्य इकाई की तरफ से याचिका दायर किए जाने की घोषणा की गई है. इससे पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपने स्तर से याचिका दायर की है.

Guwahati: Activists from the Veer Lachit Sena, Assam shout slogans as they protest against Citizenship Amendment Bill, in Guwahati, Saturday, Dec. 7, 2019. (PTI Photo) (PTI12_7_2019_000081B)
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में गुवाहाटी में प्रदर्शन. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने रविवार को कहा कि अगले दो-तीन दिनों में पीसीसी की ओर से इस ‘असंवैधानिक’ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी.

इस कानून के खिलाफ असम में प्रदर्शन आरंभ होने के बाद पहली बार पार्टी की राज्य इकाई की तरफ से याचिका दायर किए जाने की घोषणा की गई है. इससे पहले कुछ नेताओं ने अपने स्तर से याचिका दायर की है.

बोरा ने बताया, ‘इस असंवैधानिक कानून के खिलाफ हम अगले दो-तीन दिनों में याचिका दायर करेंगे. इस बात की संभावना है कि याचिका आगामी मंगलवार को दायर हो.’ बोरा ने कहा कि कांग्रेस इस कानून के खिलाफ लड़ाई को शीर्ष अदालत में ले जाने के साथ सड़क पर भी शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखेगी.

उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा की सरकार कितनी भी ताकत का इस्तेमाल कर ले, असम के लोग इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे. यह कानून असम एवं पूर्वोत्तर की संस्कृति को खत्म कर देगा.’

एक सवाल के जवाब में बोरा ने कहा, ‘भाजपा हम पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रही है. वह अपनी नाकामी का ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ने की कोशिश कर रही है. सबको पता है कि असम का आंदोलन जनता कर रही है. लोगों ने इस कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की है.’

इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं देबब्रत सेकिया, अब्दुल खालिक और रूपज्योति कुरमी की तरफ से याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. इन नेताओं ने अपनी याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन बताया है.

यह खबर भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की तरफ से भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम याचिका दायर करेंगे. नागरिकता संशोधन कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी

सूत्रों के हवाले से ये भी खबर आ रही है कि सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी, असम गण परिषद (एजीपी), संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगा.