मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीएसई द्वारा नीट परीक्षा 2017 के परिणामों की घोषणा करने पर रोक लगाई थी.
नीट 2017 परीक्षा परिणाम की घोषणा का रास्ता साफ करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने परिणामों की घोषणा पर रोक संबंधी मद्रास हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को स्थगित कर दिया.
गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट ने एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा परिणाम की घोषणा पर अंतरिम स्थगन लगा दिया था.
शीर्ष अदालत का आदेश परीक्षा में शामिल हुए 12 लाख अभ्यर्थियों के लिए राहत लेकर आया है. एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 12 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी.
न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह पहले से तय कार्यक्रम के आधार पर परीक्षा परिणाम की घोषणा, काउंसलिंग और दाखिला करें.
न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाश पीठ ने कहा कि परीक्षा परिणाम की घोषणा और उसके बाद होने वाली काउंसलिंग और दाखिला न्यायालय के समक्ष लंबित मामले के फैसले के अधीन होगा.
पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया कि वे नीट परीक्षा 2017 से संबंधित किसी भी याचिका को स्वीकार न करें. सीबीएसई की ओर से मद्रास उच्च न्यायालय के 24 मई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह आदेश दिया.
मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीएसई द्वारा नीट परीक्षा 2017 के परिणामों की घोषणा करने पर रोक लगा दिया था.
सीबीएसई की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिन्दर सिंह ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के कारण परीक्षा परिणाम घोषित करने और उसके बाद दाखिले की प्रक्रिया रुक गई है, साथ ही वह आदेश उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले तय प्रक्रिया के साथ टकराव की स्थिति में है.
पीठ ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय द्वारा तय कार्यक्रम को परोक्ष तौर पर कमजोर कर रहा हैं. उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश देते हुए पीठ ने कहा, ‘हम सिर्फ एक आधार पर उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन लगा रहे हैं. यह आदेश परोक्ष तौर पर उच्चतम न्यायालय द्वारा तय कार्यक्रम को कमजोर बना रहा है.’
ग्रीष्मावकाश के बाद मामले की सुनवायी की तारीख तय करते हुए पीठ ने कहा, ‘उपरोक्त को देखते हुए, अंतरिम आदेश पर स्थगन लगाया जाता है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे नीट 2017 का परीक्षा परिणाम घोषित करें, हालांकि यह इस न्यायालय के फैसले के अधीन होगा.’
सीबीएसई मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर तुरंत स्थगनादेश के लिए नौ जून को उच्चतम न्यायालय गया था. उच्च न्यायालय ने परीक्षा में समान प्रश्न पत्र नहीं दिये जाने और अंग्रेजी तथा तमिल भाषाओं के प्रश्न-पत्र अलग-अलग होने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 24 मई को नीट परिणाम की घोषणा पर अंतरिम स्थगन लगा दिया था.
सीबीएसई ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के कारण मेडिकल पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग और दाखिले की प्रक्रिया बाधित हो रही है.