लोकपाल को वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे कम करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2019-2020 में सीबीआई को 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में घटाकर 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी.
नई दिल्ली: 2020-2021 के आम बजट में लोकपाल के लिए 74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के लिए बजट प्रावधान में मामूली वृद्धि की गई है, वहीं केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के बजट में भी सिर्फ चार करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है.
लोकपाल को वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिए गए थे जिसे कम करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश किए केंद्रीय बजट के अनुसार अगले वित्त वर्ष के लिए लोकपाल को कुल 74.7 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
यह प्रावधान लोकपाल के कामकाज के लिए निर्माण-संबंधी व्यय के लिए है जो यहां एक पांच सितारा होटल से कार्यरत है.
लोकपाल अध्यक्ष और आठ सदस्यों की नियुक्ति के बाद पिछले वर्ष मार्च से कार्यरत है. उसके एक सदस्य जस्टिस (सेवानिवृत्त) डीबी भोसले ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था.
सीवीसी को 2020-2021 के लिए 39 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो वर्तमान वित्त वर्ष के संशोधित 36.65 करोड़ रुपये से अधिक है. प्रावधान आयोग के सचिवालय व्यय के लिए है.
सीबीआई के आवंटन में चार करोड़ रुपये की मामूली बढ़ोतरी
नई दिल्ली: कई बहुचर्चित मामलों की जांच के बोझ से दबी सीबीआई के लिए अगले वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में 802 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो चालू वित्त वर्ष के मुकाबले महज चार करोड़ रुपये अधिक है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश आम बजट में सीबीआई के लिए 2019-20 के 798 करोड़ के मुकाबले 2020-2021 में 802.19 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह राशि पिछले साल के मुकाबले महज 0.5 फीसदी अधिक है.
अधिकारियों ने बताया कि सीमित मानव संसाधन के साथ एजेंसी प्रत्यर्पण के मामलों को देख रही है और घरेलू स्तर पर भ्रष्टाचार, बैंक घोटाले एवं विशेष आपराधिक मामलों की जांच कर रही है.
वित्तवर्ष 2019-2020 में सीबीआई को शुरुआत में 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में कम करके 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी.
बजट दस्तावेज में कहा गया, यह प्रावधान केंद्रीय जांच ब्यूरो के अवस्थापना संबंधी खर्च के लिए गए हैं, जो लोक सेवकों, व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार और अन्य जघन्य अपराधों की जांच और अभियोजन की जिम्मेदारी निभा रही है.
बजट दस्तावेज के मुताबिक एजेंसी की विभिन्न परियोजाओं जैसे सीबीआई ई-गवर्नेंस, प्रशिक्षण केंद्रों का आधुनिकीकरण, तकनीकी और फॉरेंसिक सहायता इकाइयों की स्थापना, विस्तृत आधुनिकीकरण, भूमि खरीद और कार्यालय या आवास के निर्माण आदि के लिए भी राशि का आवंटन इसमें शामिल है.