इसके साथ ही आर्कबिशप ने सरकार से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को देश भर में लागू ना करने की अपील भी की है.
पणजी: गोवा और दमन के आर्कबिशप फादर फिलिप नेरी फेराओ ने केंद्र सरकार से ‘तत्काल एवं बिना किसी शर्त’ के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) वापस लेने और ‘असहमति जताने के अधिकार’ को दबाना बंद करने की अपील की है.
इसके साथ ही आर्कबिशप ने सरकार से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को देश भर में लागू ना करने की अपील भी की है.
गोवा गिरजाघर की एक शाखा ‘सोसाइटी फॉर सोशल कम्युनिकेशंस मीडिया’ ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘आर्कबिशप और गोवा का कैथोलिक समुदाय सरकार से भारत के लाखों लोगों की आवाज सुनने, असहमति जाहिर करने के अधिकार को न दबाने और इन सबसे अधिक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने और एनआरसी एवं एनपीआर को लागू न करने की अपील करता है.’
Filipe Neri Ferrão, Goa Archbishop: The very fact that CAA uses religion, goes against secular fabric of country. It goes against spirit&heritage of our land which, since times immemorial, has been a welcoming home to all, founded on the belief that whole world is one big family. pic.twitter.com/UvUl5RUkwP
— ANI (@ANI) February 9, 2020
गिरजाघर ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर ‘विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण’ है और यह निश्चित तौर पर हमारे जैसे बहु-सांस्कृतिक लोकतंत्र पर ‘नकारात्मक और हानिकारक प्रभाव’ डालेगा.
बता दें, हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है. इस दौरान बीजेपी के ही एक विधायक ने पार्टी की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया था.
मध्यप्रदेश से पहले केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित पांच अन्य गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने सीएए के खिलाफ इसी तरह के प्रस्ताव पारित किए हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी के अंदर ही इस मामले को लेकर मतभेद है. अल्पसंख्यक मोर्चे के कई कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर इस्तीफा दिया है. साथ ही मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी इसे देश के लिए खतरनाक बता चुके हैं.