ओडिशा विधानसभा स्पीकर का निर्देश, सदन के हंगामे की रिपोर्ट न करें मीडिया, विपक्ष ने की आलोचना

विधानसभा अध्यक्ष एसएन पात्रा ने शुक्रवार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों को निर्देश दिया कि वे सदन के अंदर हंगामे की रिपोर्ट न करें और विरोध कर रहे सदस्यों के नाम का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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ओडिशा विधानसभा (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा अध्यक्ष एसएन पात्रा ने शुक्रवार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों को निर्देश दिया कि वे सदन के अंदर हंगामे की रिपोर्ट न करें और विरोध कर रहे सदस्यों के नाम का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

ओडिशा विधानसभा (फोटो: पीटीआई)
ओडिशा विधानसभा (फोटो: पीटीआई)

भुवनेश्वर: ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष एसएन पात्रा द्वारा मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर शनिवार को सदन में हंगामा हुआ जिसके कारण सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा. ओडिशा विधानसभा में फिलहाल बजट सत्र चल रहा है.

शनिवार सुबह 10.30 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, सदन में सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया, कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे अपने आदेश पर पुनर्विचार करें और मीडिया को सदन में होने वाली गतिविधियों की रिपोर्ट करने दें.

अध्यक्ष द्वारा मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने से सदन में हंगामा जारी रहा, जिससे सदन की कार्यवाही को पहले पूर्वाह्न 11.30 बजे तक, फिर बाद में शाम तीन बजे तक स्थगित किया गया.

विधानसभा अध्यक्ष पात्रा ने शुक्रवार को एक फैसले में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों को निर्देश दिया था कि वे सदन के अंदर हंगामे की रिपोर्ट न करें और विरोध कर रहे सदस्यों के नाम का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया.

अध्यक्ष के इस फैसले की भाजपा और कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है.

भाजपा के सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रदीप कुमार नाइक ने कहा कि विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए अध्यक्ष का फैसला ‘नुकसानदेह’ है. साथ ही उन्होंने इस फैसले को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की.

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एस सलूजा ने कहा, ‘लोकतंत्रिक व्यवस्था में विधानसभा अध्यक्ष का यह फैसला स्वीकार्य नहीं है. अगर विधायक विधानसभा में विरोध नहीं करेंगे तो कहां करेंगे? विधानसभा में विरोध विधायकों का लोकतांत्रिक अधिकार है.’