जीटीबी अस्पताल से आंखो-देखी: क्या हिंदू, क्या मुसलमान, नफ़रत की इस आग ने किसी को भी नहीं छोड़ा

दिल्ली में हुई हालिया हिंसा में जान गंवाने वालों में एक गर्भवती महिला के ऑटो ड्राइवर पति, एक नवविवाहित युवक, एक इलेक्ट्रिशियन, एक ड्राईक्लीनर जैसे लोग शामिल हैं.

/
हिंसा में जान गंवाने वाले राहुल सोलंकी के दोस्त शाहबाज़ (बाएं) और विकास (गले लगे हुए). (फोटो: द वायर)

दिल्ली में हुई हालिया हिंसा में जान गंवाने वालों में एक गर्भवती महिला के ऑटो ड्राइवर पति, एक नवविवाहित युवक, एक इलेक्ट्रिशियन, एक ड्राईक्लीनर जैसे लोग शामिल हैं.

riots-dead-1200x600
हिंसा में जान गंवाने वाले राहुल सोलंकी के दोस्त शाहबाज़ (बाएं) और विकास (गले लगे हुए). (फोटो: द वायर)

नई दिल्ली: दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में गम और तकलीफ का भयावह मंजर है. चारों तरफ आंखों में आंसू लिए गमगीन चेहरे और रोते-बिलखते परिजन दिखाई देते हैं. सोमवार से ही यहां पर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई बर्बर हिंसा में घायल और मारे गए लोगों को लाया जा रहा है. क्या हिंदू और क्या मुसलमान, नफरत की इस आग ने किसी को भी नहीं छोड़ा.

‘उसे नहीं पता था कि माहौल इतना खराब हो गया है. वो अपने घर से करीब 50 मीटर ही दूरी पर था कि तभी एक भीड़ उसकी तरफ दौड़ती हुई आई. किसी ने गोली चलाई, जो जाकर उसके गले में लगी.’ जीटीबी अस्पताल के शव गृह (मोर्चरी) के बाहर अपने दोस्त राहुल सोलंकी के शव का इंतजार कर रहे शाहबाज ने कहा.

शाहबाज के गले लगकर विकास रो रहे थे. दोस्त के गुजर जाने की तकलीफ इस कदर थी कि विकास बेहोश हो गए. दूसरी तरफ राहुल की बहन रो रही थीं. दिल्ली के बाबू नगर के रहने वाले सोलंकी सोमवार को दूध लेने गए थे. तभी उन्हें गोली लगी.

शाहबाज ने बताया कि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया था लेकिन पहले तीन अस्पतालों ने एडमिट करने से मना कर दिया. थोड़ी देर में सोलंकी का शव मोर्चरी से बाहर लाया गया. इस बीच रोने की आवाज बहुत तेज हो जाती है. शाहबाज ने कहा, ‘हम पिछले तीन दिन से इंतजार कर रहे थे.’

मुस्तफाबाद के ऑटो ड्राइवर 22 वर्षीय मोहम्मद शाहिद की चार महीने पहले शादी हुई थी. उनकी पत्नी इस समय गर्भवती हैं लेकिन उनका बच्चा इस दुनिया में आएगा तो वो अपने पिता को नहीं देख सकेगा. दिल्ली में हुई हिंसा में शाहिद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पत्नी के पास घर चलाने का अब कोई रास्ता नहीं है.

शाहिद के चचेरे भाई मोहम्मद राशिद ने द वायर  को बताया, ‘हमें तो इस घटना के बारे में पता भी नहीं था. शाहिद की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके बाद हमें इसके बारे में पता चला. भाई को सोमवार को 3:30 शाम में गोली लगी थी. हमें शाम 6:30 बजे पता लगा.’

राशिद ने बताया कि गोली शाहिद को आर-पार कर गई थी. उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि ये कैसे हुआ. उस समय मैं जाफराबाद में घर पर था. वहां स्थिति अभी भी तनावग्रस्त है.’

family member take victim body
जीटीबी अस्पताल के शव गृह से अपने परिजन की बॉडी ले जाते पीड़ित परिवार. (फोटो: द वायर)

इतनी बड़ी घटना से गुजरने के बाद भी कई दिनों से लोगों को अपने परिजनों के शव को लेने के लिए मोर्चरी के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है. अस्पताल के कर्मचारी कहते हैं कि पोस्टमार्टम करने में समय लग रहा है. बुधवार तक दिल्ली हिंसा में मारे गए करीब पांच लोगों का पोस्टमार्टम हुआ था.

राशिद ने बताया कि वे सोमवार से ही इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ये लोग कहते रहते हैं कि एक घंटा और लगेगा, दो घंटा और लगेगा, लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. उन्होंने हमसे ये कहकर 4,000 रुपये मांग रहे थे कि उन्हें पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग करनी है. हम क्यों इन्हें पैसा दें?’

बृजपुरी के रहने वाले 23 वर्षीय राहुल ठाकुर को मंगलवार को पेट में गोली लगी थी. उनके दोस्त और पड़ोस के लोगों ने बताया कि इलाके में काफी पत्थरबाजी हो रही थी और पुलिस मौजूद नहीं थी.

मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले पूरन सिंह अपने चचेरे भाई वीर सिंह का शव लेने अस्पताल आए थे. 48 वर्षीय वीर सिंह ड्राईक्लीनिंग का काम करते थे और मंगलवार को करावल नगर में शाम चार बजे उन्हें गोली मारी गई थी.

सिंह ने कहा, ‘करावल नगर में अभी भी स्थिति काफी खराब है. मैं बहुत मुश्किल से यहां तक आया हूं. वीर खाने की दुकान से लौट रहे थे कि तभी उनके सिर में गोली मार दी गई.’ वीर सिंह के दो बेटे और एक बेटी हैं. बेटी की शादी हो चुकी है.

पूरन सिंह अपने भाई के निधन के पीछे की वजह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को बताते हैं. उन्होंने कहा कि ये हिंसा इसलिए हुई क्योंकि लंबे समय से रोड बंद कर दिया गया था.

थोड़ी देर बाद पड़ोसियों के साथ मोनू कुमार अपने 51 वर्षीय पिता विनोद कुमार का शव लेने के आए थे. उनका पूरा सिर्फ सफेट मोटी पट्टियों से ढंका हुआ था. मोनू एक आंख गहरी लाल थी और आंख के नीचे कालापन था. उनकी ये हालत इसलिए थी क्योंकि दिल्ली हिंसा में उपद्रवियों ने बर्बर तरीके से उन्हें तब पीटा, जब वे अपने पिता को उनसे बचाने की कोशिश कर रहे थे.

सिर पर गहरी चोट के चलते मोनू ज्यादा देर तक बोल नहीं पाते हैं. उन्होंने अपने आंखों में आंसू लिए हल्की आवाज में बताया, ‘हम दवा लेने के लिए बाइक से जा रहे थे. इसी बीच ‘अल्लाहू अकबर’ का नारा लगाते हुए एक भीड़ ने हम पर हमला कर दिया. बाइक को आग लगा दी गई.’

मोनू ने बताया कि उन पर पत्थरों से हमला किया गया था और उनके पिता विनोद पर तलवार से हमला किया गया, जिनकी उसी वक्त मौत हो गई. उन्होंने हमें अपने पिता की तस्वीर दिखाई जिसमें उनके माथे और आंख में गहरी चोट लगी थी. परिवार इस समय विनोद के शव का इंतजार कर रहा था.

monu
हिंसा में गंभीर रूप से घायल मोनू. (फोटो: द वायर)

करीब दस दिन पहले ही 14 फरवरी को अशफाक हुसैन की शादी हुई थी, लेकिन वे अपनी नई जिंदगी शुरू कर पाते, उससे पहले ही हिंसा की आग ने उनकी जान ले ली.

पेशे से इलेक्ट्रिशियन अशफाक को मंगलवार शाम पांच बजे के करीब मुस्तफाबाद में पांच गोली मारी गई थीं. तीन गोलियां उनके सीने में लगी थीं और दो बगल में. अशफाक के चाचा सलीम बेग ने बताया कि उनका शव मुस्तफाबाद में अल हिंद अस्पताल में ही रखी गई क्योंकि पुलिस ने जीटीबी अस्पताल ले जाने की इजाजत नहीं दी थी.

बेग ने अपने 24 वर्षीय भतीजे के मौत के पीछे भाजपा नेता कपिल मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया है. हिंसा शुरू होने से कुछ घंटे पहले मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को ‘अल्टीमेटम’ दिया था कि वे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटा लें, नहीं तो वे उनकी भी सुनेंगे.

शव गृह के बाहर अशफाक हुसैन की चाची के आंसू नहीं रुक रहे थे. वे रो-रोकर कह रहीं थीं कि दो दिन से मेरे बच्चे का शव यहां पड़ा है लेकिन कोई पोस्टमार्टम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हिंसा के कारण वो जल्दी काम से वापस आ रहा था. रास्ते में मुस्तफाबाद के पुलिया पर उपद्रवियों ने पांच गोली और दो तलवार मार दी. घर पर भी नहीं पहुंच पाया वो.’

हमसे बात करते-करते वो अचेत हो जाती हैं. होश में आकर फिर से वो बात करती हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने अपना बच्चा खोया है. हमें दर्द पता है. हिंदू हो या मुसलमान, हर कोई किसी न किसी का बच्चा है. हम सब एक साथ रह रहे थे. थोड़ी ही देर में हमें ये क्या हो गया.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games