गृह मंत्रालय ने निजी एजेंसियों से सुरक्षाकर्मियों की छंटनी या वेतन कटौती न करने के लिए कहा

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य संगठनों को पत्र लिखा है.

A security guard stands outside a closed Yes Bank branch in New Delhi, India, November 9, 2016. (Photo by Cathal McNaughton/Reuters)

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य संगठनों को पत्र लिखा है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 21 दिन की लॉकडाउन (बंद) अवधि के दौरान निजी सुरक्षा एजेंसियों से सुरक्षाकर्मियों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करने के लिए कहा है.

सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत कोरोना वायरस के मद्देनजर पैदा हुई गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है. इससे आर्थिक गतिविधि पर भी असर पड़ा है और ऐसी आशंका है कि दुकानों, मॉल्स तथा अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियों पर भी असर पड़ा हो.

मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा, ‘यह समय निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए मानवीय रुख अपनाने और अपने कर्मचारियों तथा स्टाफ के सदस्यों को छंटनी तथा आय में कटौती से बचाने का है.’

इसमें कहा गया है, ‘अत: इंडस्ट्री से अपने कार्यबल के प्रति हमदर्दी रखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि इन कामगारों को ड्यूटी पर माना जाए और उसके अनुसार उनका वेतन देना जारी रखा जाए.’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए मंगलवार को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी.