झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात साल की सश्रम क़ैद

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य के विरुद्ध दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय एनोस एक्का के ख़िलाफ़ जांच कर रहा था. एक्का एक अन्य आपराधिक मामले के सिलसिले में अभी रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैद हैं.

एनोस एक्का. (फोटो: पीटीआई)

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य के विरुद्ध दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय एनोस एक्का के ख़िलाफ़ जांच कर रहा था. एक्का एक अन्य आपराधिक मामले के सिलसिले में अभी रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैद हैं.

एनोस एक्का. (फोटो: पीटीआई)
एनोस एक्का. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का को रांची की एक विशेष अदालत ने धनशोधन के एक मामले में बीते बृहस्पतिवार को सात साल सश्रम कैद की सजा सुनाई और उन पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह जानकारी दी.

एक्का 2006 से 2008 के बीच झारखंड में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे थे. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) अदालत के न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाई.

45 वर्षीय एक्का एक अन्य आपराधिक मामले के सिलसिले में अभी रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैद हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य के विरुद्ध दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय एक्का के खिलाफ जांच कर रहा था.

झारखंड की राजधानी रांची स्थित इसी अदालत ने एक्का को 21 मार्च को दोषी ठहराया था और सजा सुनाने के लिए बाद की तारीख तय की थी.

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘एक्का को पीएमएलए की धारा चार के तहत अपराध के लिए सात साल सश्रम कैद की सजा काटनी होगी और दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. जुर्माना अदा करने में नाकाम रहने पर उन्हें और एक साल कठोर कारावास की सजा काटनी होगी.’

ईडी ने बताया कि अदालत ने पीएमएलए के तहत एक्का और उनके परिवार के सदस्यों की 22.38 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया. इन चल-अचल संपत्ति में आवासीय प्रॉपर्टी, जमीन, सावधि जमा, बैंक खातों में जमा रकम, राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र, वाहन, राइफल और पिस्तौल आदि शामिल है.

एजेंसी ने बताया कि ये संपत्ति राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री एक्का, उनके परिवार के सदस्यों और उनके एवं उनके परिवार के मालिकाना हक वाली कंपनियों के नाम से हैं.

ईडी ने दोषसिद्धि के बाद एक बयान में कहा था कि इससे पहले एक्का को अदालत ने 20,31,77,852 रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी ठहराया था.

ईडी ने झारखंड सतर्कता ब्यूरो की आपराधिक शिकायत के बाद पीएमएलए के तहत पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

इससे पहले सीबीआई ने एक्का, उनकी पत्नी और अन्य पर एक्का के (कोड़ा सरकार में) मंत्री रहने के दौरान 17 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप लगाया है.

एक्का झारखंड विधानसभा में कोलेबीरा सीट का प्रतिनिधित्व करते थे. वह उस वक्त झारखंड पार्टी से विधायक थे.

उल्लेखनीय है कि मधु कोड़ा से जुड़ा यह पीएमएलए के तहत दोषसिद्धि का दूसरा मामला है. इससे पहले 2017 में झारखंड के पूर्व मंत्री हरि नारायण राय को सात साल सश्रम कैद की सजा सुनाई गई थी और उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.