भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक मामले सामने आए: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस के मामले दोगुने होने की दर इस सप्ताह की शुरुआत में 7.5 दिन से सुधरकर 10 दिन हो गई है. बीते 28 दिन में 15 ज़िलों में कोई नया मामला नहीं आया है और 23 राज्यों के 80 ज़िले ऐसे हैं, जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है.

Chennai: A health worker collects samples for a swab test of a policeman from a mobile COVID-19 testing van, during the nationwide lockdown to curb the spread of coronavirus, in Chennai, Wednesday, April 22, 2020. (PTI Photo)(PTI22-04-2020_000182B)

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस के मामले दोगुने होने की दर इस सप्ताह की शुरुआत में 7.5 दिन से सुधरकर 10 दिन हो गई है. बीते 28 दिन में 15 ज़िलों में कोई नया मामला नहीं आया है और 23 राज्यों के 80 ज़िले ऐसे हैं, जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है.

कोलकाता में डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कर्मी (फोटो: पीटीआई)
कोलकाता में डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कर्मी (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले शुक्रवार 24 अप्रैल को सामने आए, जिनकी संख्या 1,752 रही और अब तक कुल संक्रमित रोगियों की संख्या 23,452 पहुंच गई. वहीं बीमारी के मामले दोगुने होने की दर इस सप्ताह की शुरुआत में 7.5 दिन से सुधर कर 10 दिन हो गयी है. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी.

एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार (23 अप्रैल) की शाम से कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 37 लोगों की मौत हो चुकी है और इस महामारी से मृतकों का आंकड़ा 775 पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि अब तक करीब 20.52 प्रतिशत संक्रमित रोगी इससे उबर भी चुके हैं.

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एसके सिंह ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस समय करीब 9.45 लाख संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है. संक्रमण के लक्षण नजर आने पर इन लोगों के नमूने जांच के वास्ते लिए जा रहे हैं.

कोविड-19 पर सरकार द्वारा बनाए गए एक अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय पर 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने का कदम नहीं उठाया होता तो भारत में अब तक कोविड-19 के संक्रमण के करीब एक लाख मामले होते.

अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में वायरस का प्रकोप नियंत्रण में है. उन्होंने इसका श्रेय मजबूत निगरानी नेटवर्क, लॉकडाउन और नियंत्रण के अन्य उपायों को दिया.

सरकार के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को देश में आए कुल 1,752 नए मामलों में से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 778 मामले सामने आए. इसके बाद गुजरात में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 217 है और मध्य प्रदेश में आज 157 रोगियों का पता चला.

इससे पहले एक दिन में सर्वाधिक मामले 20 अप्रैल को आए थे जब एक ही दिन में 1,540 लोग संक्रमण से ग्रस्त पाए गए थे.

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को पता चला था.

पॉल ने कहा कि उनके आकलन के मुताबिक, कोविड-19 के मामले भारत में दोगुने होने की रफ्तार को कम करने में लॉकडाउन प्रभावी रहा है, यह दर अभी दस दिन है.

उन्होंने कहा, ‘21 मार्च तक हर तीन दिन में संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे थे. जनता कर्फ्यू लगने के बाद 23 मार्च को महत्वपूर्ण मोड़ आया तथा मामले दोगुने होने की दर बढ़कर पांच दिन हो गई. तब तक हम यात्रा प्रतिबंध लगा चुके थे और सामाजिक दूरी का वातावरण तैयार कर चुके थे. बीच में कुछ गड़बड़ियां हुईं और हम थोड़ा पिछड़ गए. लेकिन छह अप्रैल से पुन: मामले दोगुने होने की दर में सुधार हुआ.’

पॉल ने भारत द्वारा जांच के लिए अपनाई गई रणनीति को भी इसका श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि जांच के मामलों में वृद्धि होने के बावजूद संक्रमण के मामलों का अनुपात नहीं बढ़ा है.

सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निगरानी अहम अस्त्र रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमने निगरानी व्यवस्था तब से शुरू कर दी थी जब देश में पहला मामला भी सामने नहीं आया था. इस कदम ने संक्रमण फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’

उन्होंने कहा, ‘विदेश से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लगाने से लेकर लॉकडाउन तक चरणबद्ध उपाय अपनाए गए ताकि संक्रमण के प्रसार की आंतरिक कड़ी को तोड़ा जा सके.’

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है, जहां पहले मामले आए थे. उन्होंने कहा कि 23 राज्यों के 80 जिले ऐसे हैं, जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है.

उन्होंने विभिन्न राज्यों के दौरे पर गए केंद्रीय दलों के अनुभव के बारे में कहा कि इन दलों ने अस्पतालों की व्यवस्था का जायजा लिया, नियंत्रण क्षेत्रों में रोकथाम की योजना का अध्ययन किया और राज्यों से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की प्रणाली मजबूत करने पर बातचीत की.

अग्रवाल ने यह भी कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और स्वास्थ्य सचिवों सें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की तथा कोविड-19 के प्रबंधन के लिए तैयारियों और कार्रवाई का जायजा लिया.

अग्रवाल के अनुसार, ‘हर्षवर्धन ने उनसे निगरानी, घर-घर जाकर मामलों का पता लगाने, मामलों की जल्द पहचान करने और उचित क्लीनिकल प्रबंधन पर ध्यान देने को कहा ताकि रोगियों को समय पर इलाज मिले और मृत्यु दर कम हो.’