झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर राज्य को आवश्यक मदद करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को बताना होगा कि आख़िर तबलीग़ी जमात के सैकड़ों लोग दुनिया भर से दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में कैसे पहुंचे?
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए तबलीगी जमात के लोगों को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से भी सवाल किया कि क्या उसका गृह और विदेश मंत्रालय सोया हुआ था?
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘हमारे लिए मां भारती सबसे पहले है, बाद में बाकी दुनिया है. अत: जो गलत है, उसे गलत ही कहूंगा.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को बताना होगा कि आखिर तबलीगी जमात के सैकड़ों लोग दुनिया भर से नई दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कैसे पहुंचे?
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय इन तबलीगी लोगों के दिल्ली में एकत्रित होने और मरकज की बैठक में शामिल होने को लेकर क्या सोये हुए थे?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘झारखंड में अब तक 105 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और इन 105 लोगों में से लगभग 90 प्रतिशत लोग या तो स्वयं तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होकर झारखंड पहुंचे थे अथवा उनके यहां आने से संक्रमित हुए हैं. यद्यपि उनमें से 19 स्वस्थ भी हो चुके हैं, लेकिन तीन लोगों की दुखद मौत भी हो चुकी है.’
मंत्री ने दावा किया कि पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंस में तबलीगी जमात के लोगों के भारत में एकत्रित होने और राज्य को कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में उपकरणों की उचित आपूर्ति न हो पाने संबंधी उनके सवालों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से कोई जवाब देते नहीं बना था.
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार को बड़े पैमाने पर और तेजी से कदम उठाने होंगे.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि झारखंड में अब तक कुल 10,020 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है तथा अब राज्य में प्रतिदिन बड़े पैमाने पर जांच की जा रहे हैं. जांच किट की कमी भी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘अकेले राजधानी रांची में ही अब तक 77 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और इनमें से 65 से अधिक सिर्फ कोरोना के हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी इलाके के लोग हैं. इस अल्पसंख्यक बहुल इलाके से ही 29 मार्च को सबसे पहले तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज से चोरी-छिपे यहां लौटे 17 विदेशी लोगों को पकड़ा गया था. वह सभी हिंदपीढ़ी की बड़ी मस्जिद में छिपे हुए थे.’
गुप्ता ने कहा कि जब दिल्ली पुलिस की सूचना पर रांची पुलिस और प्रशासन ने 29 मार्च को इन सभी को मस्जिद से निकाल कर पृथक किया और उनकी जांच की तो 31 मार्च को एक 22 वर्षीया मलेशियाई महिला कोरोना संक्रमित निकली थी, जो झारखंड में कोरोना संक्रमण का पहला मामला था.
मंत्री ने कहा कि इस मामले के बाद रांची के हिंदपीढ़ी इलाके से एक के बाद एक उनके संपर्क में आए तमाम परिवार कोरोना संक्रमित पाए गए. यहां तक कि तबलीगी जमात के लोगों के चलते संक्रमित हिंदपीढ़ी के एक परिवार के एक बुजुर्ग दंपति की कोरोना से मृत्यु हो गई.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘रांची में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते ही सोमवार को मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने हिंदपीढ़ी इलाके को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के हवाले करने का फैसला किया और उसी के तहत मंगलवार की सुबह से वहां सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात कर दी गयीं.’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर हाल में कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकना चाहती है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजधानी रांची में 15 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर उन इलाकों को मंगलवार से सील कर दिया गया है. इसके अलावा राज्य के जिन हिस्सों में कोरोना संक्रमित लोग पाए गए हैं उनको भी सील किया जा रहा है.
गुप्ता ने केंद्र सरकार पर राज्य को आवश्यक मदद करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया.
गुप्ता ने कहा, ‘राज्य सरकार ने केंद्र से एन-95 मास्क एक लाख, बीस हजार मांगे थे लेकिन उसे अब तक सिर्फ दस हजार मास्क ही उसे दिए गए है. इसी प्रकार राज्य ने लगभग डेढ़ लाख पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट मांगे थे लेकिन उसे सिर्फ 6000 ही किट भेजे गये हैं.’