लॉकडाउन: फंसे प्रवासी मज़दूरों और छात्रों को विशेष ट्रेन से उनके राज्य जाने की अनुमति

केंद्रीय गृह सचिव के मुता​बिक, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय गृह सचिव के मुताबिक, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की शुक्रवार को अनुमति प्रदान कर दी.

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फंसे लोगों-जैसे कि प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों को अब विशेष ट्रेनों के माध्यम से ले जाया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘इसके लिए राज्य और रेलवे बोर्ड आवश्यक प्रबंध करेंगे.’

ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन में कुछ समस्याएं आने का जिक्र करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को फिर से पत्र लिखकर दोहराया है कि खाली वाहनों सहित ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन के लिए अलग से किसी पास की जरूरत नहीं है.

आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे अन्य लोगों के आवागमन को रेल मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों के माध्यम से अनुमति है.

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय आवागमन को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित करेगा.

गृह सचिव ने कहा, ‘रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.’

इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को लॉकडाउन (बंद) के कारण फंसे हुए प्रवासी कामगारों, छात्रों और तीर्थयात्रियों की देश के अंदर आवाजाही के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नवीनतम दिशानिर्देश का ‘सख्ती से पालन’ करना होगा.

केंद्र सरकार ने 29 अप्रैल को नए दिशानिर्देश जारी कर राज्यों को फंसे हुए छात्रों, प्रवासी कामगारों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को उनके गृह प्रदेश या गंतव्यों तक दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए ले जाने की इजाजत दे दी थी. ये दिशानिर्देश फंसे हुए लोगों की आवाजाही के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं.

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह पूछे जाने पर कि कुछ राज्यों और अन्य लोगों द्वारा की गई मांग के अनुरूप क्या विशेष ट्रेनों और निजी वाहनों की इज़ाज़त भी इन लोगों के परिवहन के लिए दी जाएगी?

केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने कहा था कि अभी जारी किए गए आदेश बसों के इस्तेमाल और लोगों के समूह के लिए हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या तीन मई के बाद ई-वाणिज्य गतिविधियों को फिर से शुरू किया जाएगा? श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमें नए आदेशों के आने का इंतजार करना चाहिए.’

मालूम हो कि कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन का दूसरा चरण तीन मई को ख़त्म हो रहा था. इससे पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर तीन मई कर दिया गया था.

श्रीवास्तव ने गृह मंत्रालय की तरफ से आयोजित नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘आवाजाही की व्यवस्था करते समय राज्य सरकारों को कुछ निश्चित बातों का ध्यान रखना होगा. सभी राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों को नोडल अधिकारी तैनात करना होगा जो ऐसे फंसे हुए लोगों के लिए मानक व्यवस्था तैयार करेगा.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें ऐसे लोगों को पंजीकृत करना होगा और संबंधित राज्यों को सड़क मार्ग से इनका आवागमन सुनिश्चित करने के लिये आपस में चर्चा करनी होगी.’

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की जांच की जाएगी और जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे उन्हें जाने की इज़ाज़त दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए बसों का इंतजाम किया जाएगा और इन गाड़ियों को सैनिटाइज किया जाएगा तथा बसों में यात्रियों के बैठने की व्यवस्था करते समय सामाजिक दूरी पर सख्ती से अमल किया जाएगा.

अधिकारी ने गृह मंत्रालय के आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि पारगमन मार्ग में आने वाले सभी राज्य ऐसे आवागमन की इज़ाज़त देंगे और गंतव्य पर पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी यात्रियों की जांच करेंगे और अगर उन्हें संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में रखने की जरूरत नहीं होगी तो उन्हें 14 दिनों तक घर पर पृथक-वास की इज़ाज़त दी जाएगी. यात्रियों की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जाएगी और उनकी निगरानी की जाएगी.

श्रीवास्तव ने कहा, ‘सभी राज्यों को सख्ती से इन दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.’