अल्पसंख्यक मामलों पर संसदीय समिति के छह सदस्य चाहते थे कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाए और केंद्रीय मंत्री इन घटनाओं की निंदा करें.
अल्पसंख्यक मामलों पर संसदीय समिति के सदस्य देश में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते थे. वे यह भी चाहते थे कि अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद समिति के सदस्य बैठक छोड़ कर चले गए.
अल्पसंख्यक मामलों पर संसद की एक समिति के सदस्यों की गुरुवार को एक बैठक थी. समिति के 6 सदस्यों ने नकवी से ऐसी घटनाओं की निंदा करने और दो मिनट का मौन रखने की मांग की लेकिन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पीट पीट कर मार डालने की हालिया घटनाओं की निंदा करने से इनकार कर दिया, इसके बाद सदस्यों ने संसद परिसर में हुई इस बैठक का बहिष्कार कर दिया.
जदयू सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा, बैठक में मेरे समेत छह सांसदों ने नकवी जी से अनुरोध किया कि बेगुनाह किशोर जुनैद की पीट-पीटकर हत्या और ऐसे अन्य वाकयों की निंदा करें. हम यह भी चाहते थे कि बैठक की कार्यवाही को ऑन रिकार्ड रखा जाए.
सदस्यों ने मांग की कि भीड़ द्वारा मारे गए लोगों के सम्मान में बैठक में दो मिनट का मौन रखा जाए. हालांकि सूत्रों के मुताबिक नकवी ने सांसदों की मांग को खारिज कर दिया क्योंकि यह बैठक के एजेंडा में शामिल नहीं थी.
अंसारी के साथ मुस्लिम लीग के ईटी मोहम्मद बशीर, तृणमूल कांग्रेस के इदरीस अली, केरल कांग्रेस के जॉय अब्राहम और कांग्रेस के एमआई शानवास तथा मौसम नूर बैठक से बाहर चले गए.
अंसारी ने कहा कि पीट पीट कर मार डालने की इन घटनाओं में मारे गए लोग अल्पसंख्यक समुदायों से हैं और इस तरह की घटनाओं की निंदा करने में कुछ गलत नहीं है. इससे पहले गुरुवार को दिन में नकवी ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय में डर या असुरक्षा का कोई माहौल नहीं है.