दिल्ली के राज्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक अभी 18 साल की महज 18 फीसदी युवतियां मतदाता हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में मतदान की न्यूनतम आयु प्राप्त कर चुकी 18 साल की महज 18 प्रतिशत युवतियां ही अब तक मतदाता बन सकीं है.
इसके मद्देनजर निर्वाचन आयोग द्वारा युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करने वाली देशव्यापी मुहिम में दिल्ली के राज्य निर्वाचन कार्यालय ने 18 से 19 साल की उम्र वाले युवाओं को मतदाता बनाने पर जोर दिया है.
आयोग ने दिल्ली सहित देश के सभी राज्यों में एक जुलाई से युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने का अभियान शुरू किया है.
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्र भूषण कुमार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 18 से 24 साल की आयुवर्ग वाले मतदाताओं में 18 से 19 साल की उम्र के 75 प्रतिशत से ज्यादा युवा अभी तक मतदाता नहीं बने हैं.
इनमें भी इस आयुवर्ग की 77 प्रतिशत युवतियां अभी मतदाता सूची के दायरे से बाहर हैं. दिल्ली में 18 साल की सिर्फ 17.9 प्रतिशत युवतियां ही मतदाता हैं.
निर्वाचन कार्यालय द्वारा दिल्ली में मतदाताओं की संख्या और आबादी के इस साल 28 जून तक के ताजा जारी आंकड़ों के मुताबिक 18 से 19 साल के युवाओं की कुल संख्या 6,35286 है. इनमें से सिर्फ 1,80936 पंजीकृत मतदाता हैं.
निर्वाचन अधिकारी चरनजीत सिंह ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि संभावित मतदाताओं को अपने नेटवर्क में शामिल करने के लिये शुरू किए गए विशेष अभियान में 18 से 19 साल के आयुवर्ग पर ही ध्यान केंद्रित रहेगा.
इस अभियान में मताधिकार की उम्र को प्राप्त करने जा रहे 17 से 18 साल उम्र वाले संभावित मतदाताओं को घर-घर जाकर मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है.
अभियान का मकसद मताधिकार की योग्यता पूरी करने वाले 18 से 21 साल के आयु वर्ग वाले युवाओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ना है.
सिंह ने कहा कि अभियान की दूसरी प्राथमिकता मृत घोषित किये जा चुके मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाना है.
निर्वाचन कार्यालय को सिविक एजेंसियों से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल एक जनवरी से इस साल 31 मई तक दिल्ली में 127305 लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किये गये. अभियान के दौरान इनके नाम मतदाता सूची से हटाये जायेंगे.
इस अभियान के लिए मतदान केंद्र अधिकारी घर-घर जाकर इस आयुवर्ग के संभावित मतदाताओं को चिन्हित कर इनका पंजीकरण करेंगे.
आयोग का लक्ष्य इस आयुवर्ग के छह लाख से अधिक संभावित मतदाताओं तक पहुंचना और इनमें यथासंभव सभी का नाम मतदाता सूची में जोड़ना है.
आयोग ने इस अभियान के संभावित युवा मतदाताओं पर केन्द्रित होने के मद्देनजर ऑनलाइन पंजीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया है.
इसके तहत मतदाता पंजीकरण से जुड़े फॉर्म 6 को ऑनलाइन जमा कराया जा सकेगा.