पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर फोन पर धमकी देने और अपमानित करने का आरोप लगाया है.
पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में सोमवार को भड़की सांप्रदायिक हिंसा पर संज्ञान लेते हुये केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से हिंसा से उपजे हालात पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से टेलीफोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली.
सिंह ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच उपजे मनमुटाव को आपसी बातचीत से दूर करने का दोनों से अनुरोध किया है. समझाा जाता है कि बनर्जी और त्रिपाठी ने सिंह को बातचीत के दौरान अपने अपने पक्ष से अवगत कराया.
इस मामले में बनर्जी ने त्रिपाठी को आरोपों के घेरे में लेते हुये उन पर राज्यपाल पद की मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘उन्होंने (राज्यपाल) मुझे फोन पर धमकी दी. जिस तरह से उन्होंने भाजपा का पक्ष लेते हुए बात की, उससे मैंने अपमानित महसूस किया. मैंने उनसे कह दिया कि वह मुझसे इस तरह बात नहीं कर सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘वह (राज्यपाल) भाजपा के किसी प्रखंड अध्यक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं. उन्हें समझना चाहिए कि उन्हें इस पद के लिए मनोनीत किया गया है.’ ममता ने कहा, ‘उन्होंने कानून व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बात की. मैं यहां किसी की दया पर नहीं हूं. जिस तरीके से उन्होंने मुझसे बातचीत की, एक बार तो मैंने (कुर्सी) छोड़ने की सोची.’
हालांकि त्रिपाठी ने बनर्जी के इस रवैये और भाषा पर आश्चर्य व्यक्त किया है.
इससे पहले मंत्रालय ने राज्य सरकार को भेजे लिखित संदेश में राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति और इससे निपटने के लिये किये गए उपायों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
बातचीत के दौरान सिंह ने बनर्जी और त्रिपाठी से पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जलिंग में चल रहे आंदोलन में बंद और हिंसा की स्थिति पर भी चर्चा की.
फेसबुक पर सोमवार को एक विवादित टिप्पणी को लेकर 24 परगना जिले के बदूरिया और बसीरहाट कस्बों में हिंसक वारदातें हुईं.
इसमें इलाके की कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा का असर बदूरिया के अलावा तेंतूलिया, गोलाबारी कस्बों में भी हुआ है.
सरकार ने हिंसा से उपजे हालात पर काबू पाने के लिये हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगाते हुये इंटरनेट सेवायें एहतियातन बंद कर दी हैं.
साथ ही फेसबुक पर विवादित पोस्ट चस्पा करने वाले युवक को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
इस बीच हिंसा पर काबू पाने में राज्य पुलिस की मदद के लिये मंगलवार को गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बल की कुछ टुकड़ियां प्रभावित इलाकों में भेज दी हैं.