कश्मीर: घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू, अलगाववादी नेता नज़रबंद

सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में पिछले साल आठ जुलाई को हिज़बुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बुरहान वानी मारा गया था.

Srinagar: Security jawan stands guard during restrictions in down town Srinagar on Friday. Authorities imposed restrictions in parts of Srinagar as a precautionary measure ahead of slain Hizbul Mujahideen commander Burhan Wani's first death anniversary. PTI Photo by S Irfan (PTI7_7_2017_000129A)

सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में पिछले साल आठ जुलाई को हिज़बुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बुरहान वानी मारा गया था.

Srinagar: Security jawan stands guard during restrictions in down town Srinagar on Friday. Authorities imposed restrictions in parts of Srinagar as a precautionary measure ahead of slain Hizbul Mujahideen commander Burhan Wani's first death anniversary. PTI Photo by S Irfan (PTI7_7_2017_000129A)
(फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहानी वानी की मौत के एक साल शनिवार को पूरे हो रहे हैं. इसे देखते हुए कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी के कई हिस्सों में प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिये हैं.

अधिकारियों ने बताया कि घाटी के कई हिस्सों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाये गये हैं. उन्होंने बताया कि श्रीनगर के पांच पुलिस थाना क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.

अधिकारियों ने बताया कि नौहट्टा, एमआर गंज, रैनावाड़ी, खानयार और सफाकदल पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि इसी तरह के प्रतिबंध दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग शहर में भी लगाये गये हैं. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिले और उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में धारा 144 के तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए इन क्षेत्रों में ऐहतियातन प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने बताया कि घाटी के अन्य हिस्सों में जनजीवन सामान्य है.

अधिकारियों ने बताया कि पूरी घाटी के संवेदनशील इलाकों में किसी भी प्रदर्शन को टालने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में पिछले साल आठ जुलाई को बुरहान वानी मारा गया था. हिजबुल मुजाहिद्दीन के इस आतंकवादी की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और कर्फ्यू तथा बंद का लंबा दौर चला.

चार महीनों से ज्यादा समय तक सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच लगभग हर दिन हुई झड़पों में कम से कम 85 लोगों की मौत हो गई और हजारों घायल हो गए थे.

घाटी में खासकर , दक्षिण कश्मीर के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. वानी के पैतृक गांव त्राल में लोगों को जुटने से रोकने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है. अलगाववादी समूहों ने शनिवार को हड़ताल का आह्वान किया है.

सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में पिछले साल आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकवादी बुरहानी वानी मारा गया था.

श्रीनगर: हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहानी वानी की मौत के एक साल शनिवार को पूरे हो रहे हैं. इसे देखते हुए कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी के कई हिस्सों में प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिये हैं.

अधिकारियों ने बताया कि घाटी के कई हिस्सों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाये गये हैं. उन्होंने बताया कि श्रीनगर के पांच पुलिस थाना क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.

अधिकारियों ने बताया कि नौहट्टा, एमआर गंज, रैनावाड़ी, खानयार और सफाकदल पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि इसी तरह के प्रतिबंध दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग शहर में भी लगाये गये हैं. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिले और उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में धारा 144 के तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए इन क्षेत्रों में ऐहतियातन प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने बताया कि घाटी के अन्य हिस्सों में जनजीवन सामान्य है.

अधिकारियों ने बताया कि पूरी घाटी के संवेदनशील इलाकों में किसी भी प्रदर्शन को टालने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में पिछले साल आठ जुलाई को बुरहान वानी मारा गया था. हिजबुल मुजाहिद्दीन के इस आतंकवादी की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और कर्फ्यू तथा बंद का लंबा दौर चला.

चार महीनों से ज्यादा समय तक सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच लगभग हर दिन हुई झड़पों में कम से कम 85 लोगों की मौत हो गई और हजारों घायल हो गए थे.

घाटी में खासकर , दक्षिण कश्मीर के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. वानी के पैतृक गांव त्राल में लोगों को जुटने से रोकने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है. अलगाववादी समूहों ने शनिवार को हड़ताल का आह्वान किया है.