अधिकारियों ने बताया कि 872 संक्रमित कर्मचारियों में से 559 मध्य रेलवे और 313 पश्चिमी रेलवे से हैं. कुछ रेल यूनियनों का दावा है कि 15 जून के बाद लोकल ट्रेन सेवाओं के परिचालन बहाल होने के बाद से रेलकर्मियों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ी है.
मुंबई: मध्य रेलवे और पश्चिमी रेलवे के 872 कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और सेवानिवृत्त कर्मचारी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और इनमें से 86 की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि सभी को पश्चिमी रेलवे के जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस अस्पताल को अप्रैल में कोविड-19 अस्पताल घोषित किया था.
अधिकारियों ने बताया कि इन कुल मामलों में से 559 मध्य रेलवे और 313 पश्चिमी रेलवे से है.
कोविड-19 की वजह से मरने वाले 86 मरीजों में से 22 रेलवे के मौजूदा कर्मचारी (मध्य रेलवे के 14 और पश्चिमी रेलवे के आठ कर्मचारी) थे और और बाकी उनके परिवार के सदस्य और सेवानिवृत्त कर्मचारी थे.
अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में कर्मचारियों के परिवार के सदस्य और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अलावा 132 रेलवे कर्मचारियों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
मध्य और पश्चिमी रेलवे अभी कुछ विशेष ट्रेनों, मालवाहक ट्रेनों और सीमित यात्रियों के साथ 700 ट्रेनों का परिचालन कर रहा है. कुछ रेल यूनियनों का दावा है कि 15 जून के बाद लोकल ट्रेन सेवाओं के परिचालन बहाल होने के बाद से रेलकर्मियों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ी है.
नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन के अध्यक्ष वेणु नायर ने कहा, ‘राज्य सरकार ने कार्यालयों में सिर्फ 15 से 30 फीसदी उपस्थिति की मंजूरी दी है लेकिन रेलवे में करीब 100 फीसदी फील्ड कर्मचारी उपनगरीय ट्रेन सेवा बहाल होने के बाद से काम कर रहे हैं.’
हालांकि जोनल रेलवे का कहना है कि कोविड-19 के मामले बढ़ने और सेवाओं के बहाल होने का कोई संबंध नहीं है. मध्य रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार का कहना है कि वे रेलकर्मियों और यात्रियों में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह से सतर्कता बरतते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं. हम अपने कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर और अन्य सभी सुरक्षा उपकरण प्रदान कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद मध्य रेलवे ने ‘रेल परिवार देखरेख’ अभियान की शुरुआत की ताकि रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
वहीं, पश्चिमी रेलवे के मुंबई खंड के डीआरएम ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.