गलत पूर्वानुमान पर मराठवाड़ा के किसानों ने मौसम विभाग के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई

किसानों का कहना है कि पुणे और कोलाबा मौसम विभाग के अधिकारियों की बीज और कीटनाशक निर्माताओं से सांठगांठ के चलते उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है.

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A farmer throws water after making a canal to irrigate his field in Kolkata, India, May 12, 2016. REUTERS/Rupak De Chowdhuri####################RUPAK DE CHOWDHURI

किसानों का कहना है कि पुणे और कोलाबा मौसम विभाग के अधिकारियों की बीज और कीटनाशक निर्माताओं से सांठगांठ के चलते उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है.

A farmer throws water after making a canal to irrigate his field in Kolkata, India, May 12, 2016. REUTERS/Rupak De Chowdhuri####################RUPAK DE CHOWDHURI
(फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले किसानों ने शुक्रवार को मौसम विभाग पर बीज और कीटनाशक विनिर्माताओं के साथ सांठगांठ करके पूर्वानुमान के आंकड़ों को बढ़ाकर दिखाने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत बीड ज़िले के मजल्गांव तहसील के दिन्दृद थाने में दर्ज कराई गई है. इसमें कहा गया है कि पुणे तथा कोलाबा मौसम विभाग के अधिकारियों ने विनिर्माताओं से सांठगांठ की और इनकी वजह से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ, जिन्होंने पूर्वानुमान के आधार पर बुवाई का काम शुरू किया था.

शिकायतकर्ताओं में शामिल बीड ज़िले के आनंदगांव के 54 वर्षीय गंगाभिशन ठावरे ने कहा कि मौसम विभाग ने किसानों को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि जून में खरीफ़ मौसम के दौरान काफी बारिश होगी.

ठावरे ने कहा, मौसम विभाग के पूर्वामान के आधार पर किसानों ने बुवाई का काम शुरू कर दिया, लेकिन थोड़ी बारिश होने के बाद वर्षा नहीं हुई और किसानों को अंधकारमय भविष्य नज़र आ रहा है क्योंकि बुवाई तो बेकार चली गई.

किसानों ने कहा, हमारे क्षेत्र के किसानों ने मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर पूर्व बुवाई का काम शुरू कर दिया था. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया था कि इस साल जून-जुलाई में काफी बारिश होगी.

ठावरे के मुताबिक किसानों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी पत्र लिखकर उनके दख़ल की मांग की है.

मजल्गांव में स्थित थाने के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने किसानों की शिकायत ले ली है और वह मामले को देख रहे हैं.

मामले में मौसम विभाग के किसी अधिकारी की टिप्पणी नहीं मिल सकी.