ओयो इंडिया ने कर्मचारियों के सामने ख़ुद से अलग होने या छुट्टियां आगे बढ़ाने का विकल्प रखा

कोरोना संकट के चलते होटल कंपनी ओयो इंडिया ने अपने भारतीय परिचालन के कई कर्मचारियों को चार मई से सीमित लाभ के साथ चार महीने की छुट्टी पर भेज दिया था. साथ ही सभी कर्मचारियों से उनके वेतन में 25 प्रतिशत कटौती स्वीकार करने को कहा था.

(फोटो: रॉयटर्स)

कोरोना संकट के चलते होटल कंपनी ओयो इंडिया ने अपने भारतीय परिचालन के कई कर्मचारियों को चार मई से सीमित लाभ के साथ चार महीने की छुट्टी पर भेज दिया था. साथ ही सभी कर्मचारियों से उनके वेतन में 25 प्रतिशत कटौती स्वीकार करने को कहा था.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: होटल कंपनी ओयो इंडिया ने सीमित लाभ के साथ छुट्टियों पर भेजे गए कर्मचारियों के सामने खुद से कंपनी से अलग होने या छह महीने के लिए छुट्टियों को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

कोविड-19 संकट के चलते ओयो ने अपने भारतीय परिचालन के कई कर्मचारियों को चार मई से सीमित लाभ के साथ चार महीने की छुट्टी पर भेज दिया था. साथ ही सभी कर्मचारियों से उनके वेतन में 25 प्रतिशत कटौती स्वीकार करने को कहा था.

बयान के मुताबिक, आठ जून को सरकार की अनुमति के बाद कंपनी ने आंशिक तौर पर चरणबद्ध तरीके से अपने होटलों को खोलना शुरू किया है. अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से कंपनी ने कोविड-19 से पूर्व की 30 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करना शुरू किया.

इस वजह से कंपनी को अपनी ज्यादा से ज्यादा नौकरियां बचाने की प्रतिबद्धता के लिए प्राथमिकताएं तय करनी पड़ी. कंपनी ने कोविड-19 से प्रभावित कुछ कर्मचारियों को अलग-अलग टीम और स्थानों पर वापस बुलाया और उन्हें सीमित अवसर प्रदान किए हैं.

कंपनी के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ओयो के भारतीय और दक्षिण एशिया परिचालन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहित कपूर ने सीमित लाभ के साथ छुट्टी के बारे में कहा, ‘हम जानते हैं कि आपको रोक कर रखना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह ऐसी स्थिति के चलते हुआ है जो न आपके नियंत्रण में है और न ही हमारे.’

उन्होंने कहा, ‘आप स्वयं कंपनी से अलग होने या छह महीने के लिए और 28 फरवरी 2021 तक सीमित लाभ के साथ वाली छुट्टियां आगे खिसका सकते हैं.’

कपूर ने कहा कि आदर्श स्थिति में ओयो ऐसा कभी नहीं करता. हमें पता है कि आपने हमसे बहुत उम्मीद की, लेकिन हमें इसके लिए खेद है. हम वर्तमान में ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहां सब कुछ आदर्श से बहुत दूर है.