ज़मीन के रिकॉर्ड में हेर-फेर पर बसपा सुप्रीमो मायावती को नोटिस

ए​क याचिका में आरोप लगाया गया है कि मायावती के मुख्यमंत्री रहने के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के एक गांव के 47,433 वर्गमीटर इलाके को आबादी घोषित कर दिया गया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि मायावती के मुख्यमंत्री रहने के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के एक गांव के 47,433 वर्गमीटर में फैले इलाके को आबादी घोषित कर दिया गया.

BSP supremo Mayawati
बसपा सुप्रीमो मायावती. (पीटीआई)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके दो करीबी रिश्तेदारों को एक जनहित याचिका पर बुधवार को नोटिस जारी किया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके मूल गांव की ज़मीन के रिकॉर्ड में हेरफेर की गई.

सामाजिक कार्यकर्ता संदीप भाटी की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति वाई. वर्मा की खंडपीठ ने यह नोटिस जारी किए. याचिका में आरोप लगाया गया है कि गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर गांव में 47,433 वर्गमीटर में फैले इलाके को आबादी घोषित कर दिया गया.

याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि ऐसा ज़मीन के इस्तेमाल को बदलने के इरादे से किया गया ताकि ज़मीन की खंड-खंड या पूरे भूखंड की बिक्री करके इसके मालिकों को अच्छा-खासा पैसा मिल सके. यह गांव ग्रेटर नोएडा में आता है और याचिकाकर्ता ने मायावती, उनके भाई प्रभु दयाल और भतीजे आनंद कुमार को इसमें पक्षकार बनाया है.

अदालत ने इस याचिका को इसी तरह के आरोपों के साथ पहले से ही लंबित एक अन्य याचिका के साथ संलग्न करके अगली सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.