उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में सीबीआई की टीम मंगलवार को उसके गांव पहुंची. टीम ने कथित बलात्कार और अंतिम संस्कार वाली वाली जगहों से सबूत जुटाए.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और बाद में उसकी मौत के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआई मंगलवार युवती के गांव पहुंची.
सीबीआई ने युवती के साथ कथित बलात्कार की घटना वाली जगह और जहां युवती का उसके परिवार की सहमति और मौजूदगी के बिना देर रात अंतिम संस्कार कर दिया गया था वहां से सबूत जुटाए. सीबीआई ने पुलिस को घटनास्थल को सील करने का भी आदेश दिया.
जानकारी के अनुसार, सबूतों को जुटाने के बाद सीबीआई की टीम युवती के भाई से कुछ कागजों पर दस्तखत करवाने के लिए लेकर गए थे.
इस बीच परिजन उनको सीबीआई टीम द्वारा ले जाए जाने को लेकर आशंकित थे, हालांकि मंगलवार रात को एक करीबी रिश्तेदार ने द वायर को बताया कि वे वापस आ गए हैं और कहा है कि चिंता करने की बात नहीं है.
Hathras: Central Bureau of Investigation (CBI) team reaches the spot where the victim of the alleged gang rape was cremated on September 30th. Samples being collected from the spot, as a part of their ongoing investigation. pic.twitter.com/FNaWQGU7sT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 13, 2020
इसके पहले सीबीआई टीम के पहुंचने से पहले पुलिस की लंबी-चौड़ी फौज गांव और गांव के बाहर मौजूद थी.
बता दें कि युवती की मौत के बाद कथित तौर पर परिवार की सहमति के बिना जल्दबाजी में किए गए अंतिम संस्कार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते 3 अक्टूबर को मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की सिफारिश की थी.
मुख्यमंत्री की घोषणा के एक हफ्ते बाद 10 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपने की अधिसूचना जारी की और 11 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के साथ कथित बलात्कार किया था.
अलीगढ़ के एक अस्पताल में इलाज के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया था.
इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर उनकी सहमति के बिना आननफानन में युवती का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया, जिससे पुलिस ने इनकार किया था.
युवती के भाई की शिकायत के आधार पर चार आरोपियों- संदीप (20), उसके चाचा रवि (35) और दोस्त लवकुश (23) तथा रामू (26) को गिरफ्तार किया गया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने उत्तर प्रदेश पुलिस से जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने पर जवाब मांगा था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना की जांच के लिए एसआईटी टीम गठित की थी. एसआईटी की रिपोर्ट मिलने के बाद लापरवाही और ढिलाई बरतने के आरोप में दो अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी (सर्किल ऑफिसर) राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश मीणा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह, हेड कॉन्स्टेबल महेश पाल को निलंबित कर दिया गया था.
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