यूपी: नाबालिग दलित के कथित गैंगरेप और आत्महत्या मामले में कोतवाल और चौकी प्रभारी निलंबित

मामला चित्रकूट ज़िले का है. बीते आठ अक्टूबर को 15 वर्षीय दलित किशोरी के साथ कथित तौर सामूहिक बलात्कार किया गया था. मामले में शिकायत न दर्ज किए जाने से नाराज़ होकर मंगलवार को किशोरी ने अपने घर में फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

मामला चित्रकूट ज़िले का है. बीते आठ अक्टूबर को 15 वर्षीय दलित किशोरी के साथ कथित तौर सामूहिक बलात्कार किया गया था. मामले में शिकायत न दर्ज किए जाने से नाराज़ होकर मंगलवार को किशोरी ने अपने घर में फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

Chitrakoot

चित्रकूट (यूपी): उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की शिकार दलित किशोरी के आत्महत्या कर लेने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने सदर कोतवाल और सरैयां पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक को लापरवाही बरतने के आरोप में बुधवार को निलंबित कर दिया है.

चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकित मित्तल ने बताया, ‘मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने के आरोप में कर्वी सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) जयशंकर सिंह और सरैयां पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक (एसआई) अनिल साहू को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है.’

उन्होंने बताया, ‘मंगलवार रात चित्रकूटधाम परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण और जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया है.’

एसपी ने बताया, ‘सामूहिक बलात्कार और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में पूर्व ग्राम प्रधान के बेटे किशन उपाध्याय और उसके साथी आशीष व सतीश को मंगलवार की शाम ही गिरफ्तार कर लिया गया था.’

मित्तल ने बताया कि गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए मंगलवार से ही पुलिस बल तैनात है और पीड़ित परिवार ने ‘अपनी सहमति’ से बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में मृत किशोरी का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया है.

गौरतलब है कि आठ अक्टूबर को जंगल में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई 15 वर्षीय दलित किशोरी ने घटना को लेकर पुलिस द्वारा केस दर्ज न किए जाने से नाराज होकर मंगलवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

पुलिस ने पीड़िता की मौत के बाद तीन युवकों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार (376डी) और आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा-306 के अलावा अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम एवं पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

इससे पूर्व पीड़िता के पिता ने जहां मामला न दर्ज करने का आरोप लगाया था तो वहीं पुलिस ने तहरीर न देने की बात कही थी.