यह नियम जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय के लिए अभी लागू नहीं होगा. इन राज्यों के लिए तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मृत्यु के पंजीकरण के लिए आधार नंबर अनिवार्य बनाने का फैसला किया है ताकि पहचान संबंधी धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सके. सरकार का फैसला इस साल एक अक्टूबर से लागू होगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह नियम जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लोगों पर लागू होगा. जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय के लिए अलग से एक तारीख अधिसूचित की जाएगी.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, मृत्यु पंजीकरण के लिए मृतक की पहचान स्थापित करने की ख़ातिर एक अक्टूबर से आधार नंबर ज़रूरी होगा.
मंत्रालय के तहत काम करने वाले महापंजीयक के कार्यालय ने कहा कि आधार के इस्तेमाल से मृतक के रिश्तेदारों, आश्रितों और परिचितों की ओर से दिए गए ब्योरे की सत्यता सुनिश्चित हो सकेगी.
बयान के मुताबिक, इससे पहचान संबंधी धोखाधड़ी रोकने का प्रभावी तरीका ईजाद होगा. इससे मृतक व्यक्ति की पहचान दर्ज करने में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा, मृतक व्यक्ति की पहचान साबित करने के लिए ढेर सारे दस्तावेज प्रस्तुत करने की ज़रूरत भी नहीं रह जाएगी.