जीएसटी के चलते डायलिसिस, पेसमेकर लगाने, आर्थोपेडिक्स में सहायक उपकरणों और कैंसर उपचार के लिए अधिक ख़र्च करना पड़ सकता है.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी लागू हो जाने के कारण लोगों को अब डायलिसिस, पेसमेकर लगाने, आर्थोपेडिक्स में सहायक उपकरणों और कैंसर उपचार के लिए अधिक खर्च करना पड़ सकता है.
मंत्रालय के जीएसटी प्रकोष्ठ ने माल एवं सेवा कर तथा स्वास्थ्य क्षेत्र पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले एक सवाल के जवाब में अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है.
एक अन्य प्रश्न के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि हालांकि जीएसटी के तहत जीवनरक्षक दवाइयां, स्वास्थ्य सेवाएं और स्वास्थ्य उपकरण कर मुक्त बने रहेंगे.
मंत्रालय के मुताबिक़ जीएसटी के चलते जिन स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतें बढ़ने की संभावना है, उनमे डायलिसिस 5 से 12 प्रतिशत, पेसमेकर 5.5 से लेकर 12-18 प्रतिशत, ऑर्थोपेडिक्स में सहायक उपकरण 5 से 12 प्रतिशत और ब्लड कैंसर छोड़कर कैंसर के लिए सभी सहायक उपकरण 5 से लेकर 7-12 प्रतिशत जैसी सेवाएं शामिल हैं. जिनके कर में जीएसटी के कारण इजाफा होगा.
सरकारी अधिकारियों के अनुसार हेपेटाइटिस की पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण एवं रेडियोलॉजी मशीनों को छोड़कर, डायग्नोस्टिक किट सर्वोच्च 28 प्रतिशत कर के दायरे में आ जाएंगे और इसके कारण इनका उपचार अधिक खर्चीला हो जाएगा.
जहां तक स्वास्थ्य पर्यटन का संबंध है, जीएसटी के लागू हो जाने से बीमा, फार्मास्युटिकल और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की लागत में गिरावट आने की संभावना है, नतीजतन देश में स्वास्थ्य पर्यटन के लिए बेहतर संभावनाएं होंगी.
मंत्रालय ने जीएसटी के लिये एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की है और यह सभी हितधारकों तक सूचना पहुंचाने एवं उनकी चिंताओं के समाधान के लिए काम कर रहे हैं.